Pakistan economy: भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है, वहां की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत नकारात्मक खबरें सामने आ रही हैं, कहा जा रहा है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 10 अरब डॉलर से नीचे पहुंच गया है जो कि देश के लगभग एक महीने के आयात बिल के बराबर है, इसके अलावा पाकिस्तान में महंगाई दर 20 फीसदी के पार पहुंच चुकी है जो बेहद चिंता का विषय है।
पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार के आने के बाद भी हालात संभल नहीं रहे हैं और अब देश श्रीलंका की तरह से डिफाल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है, पाकिस्तानी रुपये की पिछले दो दशक में सबसे खराब हालात है, इससे निबटने के कदम के रूप में शहबाज सरकार ने सरकारी संपत्तियों को विदेशियों बेचने का ऐलान किया है।
डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 200 के स्तर के पार रिकॉर्ड निचले स्तरों पर पहुंच चुका है, जिससे बेहद खराब हालात हैं, इस बीच पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान इसे लेकर शहबाज सरकार पर हमलावर हैं।
पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है, वहीं महंगाई दर के और आगे और बढ़ने के आसार जताये जा रहे हैं क्योंकि इसके सुधरने की दिशा में पाकिस्तान सरकार तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। इससे पहले यूएई ने कर्ज नहीं लौटाने पर पाकिस्तान को नकदी देने से मना कर दिया था। इमरान खान ने कहा कि हम श्रीलंका जैसे हालात से बहुत दूर नहीं हैं जब जनता सड़क पर उतरेगी।