Imran Khan Long March : पाकिस्तान (Pakistan) की सत्ता से बेदखल होने के बाद भी इमरान खान (Imran Khan) सुर्खियों में बने हुए हैं। वह नए पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) और गठबंधन सरकार पर लगातार हमलावर हैं। पाकिस्तानी संसद के बाहर पीटीआई (PTI) कार्यकर्ताओं एवं पुलिस की बीच झड़प के बाद उन्होंने अपना लॉन्ग मार्च (Long March) भले ही स्थगित कर दिया है लेकिन उन्होंने अपने तेवर नरम नहीं किए हैं। इमरान खान का कहना है कि चुनाव की तारीखों का अगर जल्द एलान नहीं हुआ तो वह एक बार फिर सड़कों पर दिखेंगे। चुनाव की तारीखों की घोषणा करने के लिए उन्होंने शहबाज सरकार को छह दिन का समय दिया है।
इस्लामाबाद के रेड जोन में दाखिल हुए पीटीआई के कार्यकर्ता
गुरुवार को पीटीआई के कार्यकर्ता एवं इमरान के समर्थक इस्लामाबाद के रेड जोन में दाखिल हो गए। यहां उन्हें पुलिस एवं पाकिस्तानी रेंजर्स ने रोका। रेड जोन में ही संसद, सुप्रीम कोर्ट, पीएमओ सहित पाकिस्तानी सत्ता की महत्वपूर्ण इमारतें हैं। इमरान खान अपने समर्थकों को इस्लामाबाद की कूच करने का आह्वान किया था जिसके बाद बुधवार सुबह को पाकिस्तान की सरकार ने राजधानी की तरफ आने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया।
शहबाज सरकार पर दबाव बना रहे हैं इमरान
इमरान ने गत 22 मई को लॉन्ग मार्च की घोषणा की। उनकी मांग नेशनल असंबेली को तुरंत भंग करने और देश में नए सिरे से चुनाव कराने की है। गत अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उन्हें पीएम पद से हटाया गया। इसके बाद से वह शरीफ सरकार पर दबाव बनाने के लिए देशभर में लगातार रैलियां कर रहे हैं। इमरान खान अपने धरना-प्रदर्शन और रैलियों के लिए जाने जाते रहे हैं। इमरान ही नहीं पाकिस्तान में लॉन्ग मार्च का अपना एक लंबा इतिहास है। नेता, सिविल सोसायटी के लोग लॉन्ग मार्च और रैलियां करते रहे हैं। एक नजर डालते हैं पाकिस्तान के प्रमुख लॉन्ग मार्च पर-