नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए संबोधन में (Imaran Khan Speech in UNGA) अपने देश को अमेरिकी कृतघ्नता का और अंतरराष्ट्रीय दोहरेपन का पीड़ित दिखाने की कोशिश की। इस दौरान उन्होंने एक ऐसा झूठ बोला जिससे वो अपने ही देश के नागरिकों के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल इमरान खान ने अपने संबोधन में कहा कि अफगानिस्तान में 'अवैध कब्जे' के खिलाफ 1980 के दशक में चल रही लड़ाई में पाकिस्तान आगे था और अमेरिका के साथ मिलकर मुजाहिदीन समूहों को ट्रेन कर रहा था। इमरान यहीं नहीं रूके, उन्होंने आगे कहा कि आजादी की लड़ाई लड़ रहे इन लड़ाकों को हीरो माना जाता था और तत्कालीन राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन ने उन्हें 1983 में वाइट हाउस बुलाया था।
बस इसी बात को लेकर इमरान खान लोगों के निशाने पर आ गए हैं। पाकिस्तानी विपक्षी नेताओं और पत्रकारों ने कहा कि यह एक 'अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी' है कि उनके भाषण में 'Fake News' का इस्तेमाल किया गया। इमरान खान का बयान लोगों के गले से नहीं उतर रहा है। नवाज शऱीफ के भाई और पाकिस्तान के नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'इसमें कोई संदेह नहीं रह गया कि पीएम ने हमेशा तथ्यों के विपरीत फर्जी खबरों पर भरोसा किया है। अफगान मुजाहिदीन पर राष्ट्रपति रीगन वाली टिप्पणी के बारे में शर्मनाक गलती ने उनकी अक्षमता को मजबूत किया है जो उनकी अज्ञानता को दर्शाता है'
पत्रकार ग़रीदाह फ़ारूक़ी ने लिखा, ' फेक न्यूज, डॉक्टेड वीडियो को बेनकाब करने और फैक्ट सामने लाने के लिए जो आज सुबह से मुझ पर हमला कर रहे हैं अब शांति से आराम कर सकते हैं। अब देश के गोरा ने भी आप के लिए स्वयं सत्यापित किया है। PML-N उपाध्यक्ष और नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज ने भी कहा कि इमरान का भाषण लिखने वाले को नहीं, खुद इमरान को 'नौकरी से निकाल देना चाहिए।'
कहा जा रहा है कि रीगन ने अपने भाषण में मुजाहिदीन की तुलना अमेरिका के 'फाउंडिंग फादर्स' से की ही नहीं थी। आरोप है कि एक डॉक्टर्ड वीडियो भी शेयर किया जा रहा है जिसमें रीगन के भाषण को एडिट किया गया है। एक पत्रकार ने अमेरिकी सरकारी वेबसाइट में मौजूद रीगन की स्पीच को शेयर किया है जिसमें सुनाई दिया जा सकता है कि रीगन ने वो नहीं कहा जो इमरान कह रहे थे। वहीं इमरान के समर्थन में लोग कह रहे हैं कि पीएम ने संदर्भ का हवाला देते हुए बात कही थी जो सही है।