क्या जैश ए मोहम्मद का मुखिया मसूद अजहर अफगानिस्तान में है। दरअसल इस तरह की बात तब सामने आई जब एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि पाकिस्तान की तरफ से तालिबान शासन को खत लिखकर बताया गया कि मसूद अजहर कुनार प्रांत में है। हालांकि अब इसे तालिबान ने सिरे से खारिज कर दिया है। तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि बिना ठोस सबूत पाकिस्तान इस तरह के दावे ना करे। तालिबान का कहना है कि वैश्विक आतंकी अजहर को लेकर पाकिस्तान भारी दबाव का सामना कर रहा है। बता दें कि पाकिस्तान द्वारा अजहर की गिरफ्तारी की मांग को भारत ने छलावा करार दिया है।
अफगानी धरती का इस्तेमाल आतंक के लिए नहीं
तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि हमारी प्रतिबद्धता है कि हम किसी को भी किसी अन्य देश के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं करने देंगे। हम पाकिस्तान को चेतावनी देते हैं कि वह बिना किसी सबूत के कोई दावा न करे क्योंकि इससे द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बिना किसी सबूत के दावे किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करते। हमारे पास अजहर की मौजूदगी का कोई सबूत नहीं है। हम निश्चित रूप से उसकी तलाश करेंगे। हम अपनी संतुष्टि के लिए उसकी तलाश करेंगे, लेकिन वह यहां नहीं है। मैं स्पष्ट रूप से इनकार करता हूं और कहता हूं कि अफगानिस्तान किसी अन्य देश के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली जगह नहीं है।
पुलवामा अटैक में अजहर का हाथ
मसूद अजहर को 31 दिसंबर, 1999 को इंडियन एयरलाइंस की उड़ान IC 814 के अपहरण के बाद एक भारतीय जेल से मुक्त कर दिया गया था। फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद उसे एक वैश्विक आतंकवादी नामित किया गया था। बताया जा रहा है कि यह पाकिस्तान की तरफ दूसरी बार अफगानिस्तान को चिट्ठी लिखी गई है। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान किसी भी कीमत पर अपने आपको एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकालना चाहता है लिहाजा उसकी तरफ से इस तरह की कोशिश की जा रही है।