कीव: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में हजारों जिदंगियां तबाह हो गई है। इस युद्ध के दौरान बड़ी संख्या में लाखों विदेशी छात्र भी यूक्रेन में फंसे हैं जिनमें भारत के छात्रों की संख्या भी काफी है। भारत सरकार 'ऑपरेशन गंगा' के जरिए लगातार वहां फंसे भारतीयों को निकाल रही है। इस बीच एक भारतीय छात्रा ऐसी भी है जो युद्ध के इस दौर में भी यूक्रेन से अपने घर वापस नहीं लौटना चाहती हैं। मेडिकल की पढ़ाई कर रही इस छात्रा ने भारत लौटने से इंकार किया तो उसके घर वाले भी चौंक गए।
यह छात्रा यूक्रेन में जिस किराए के घर में रहती हैं उसके मकान मालिक ने अपने देश की रक्षा की खातिर आर्मी में शामिल होकर हथियार उठाने का फैसला किया है लेकिन उसके पीछे एक परिवार है जिसमें पत्नी के अलावा तीन बच्चे हैं। हरियाणा की इस छात्रा ने अब मकान मालिक की देखरेख का जिम्मा उठाया है। ऐसे समय में जब सैकड़ों हजारों लोग युद्धग्रस्त यूक्रेन से भागने की कोशिश कर रहे हैं, और शरण के लिए दूसरे देशों में जाने के लिए बेताब हैं ऐसे में हरियाणा की इस मेडिकल छात्र ने जो फैसला लिया है उसकी चर्चा हर तरफ हो रही है।
हरियाणा के चरखी दादरी जिले की एक टीचर ने बताया कि भारत की मेडिकल की छात्रा नेहा ने अपनी मां से कहा, 'मैं जिंदा रहूं या न रहूं, लेकिन मैं इन बच्चों और इनकी मां को इस हालत में नहीं छोड़ूंगी।' यूक्रेन में फंसी भारत की मेडिकल छात्रा नेहा की मां और उसके दोस्त लगातार नेहा को घर वापस लौटने के लिए राजी करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन नेहा टस से मस नहीं हो रही हैं। नेहा के पिता भी सेना में रह चुके हैं और दो साल पहले ही उनकी मौत हो गई थी। 17 साल की नेहा अपने मकान मालिक की पत्नी और उसके तीन बच्चों के साथ बंकर में रह रही है।
ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक नेहा ने अपने दोस्त से बात करते हुए कहा था कि उसे बाहर धमाकों की आवाज सुनाई दे रही है लेकिन हम ठीक है। नेहा को कीव में हॉस्टल मे जगह नहीं मिली तो उसने तीन बच्चों वाले एक प्यारे से परिवार के साथ एक कमरा किराए पर लिया और यहां रहने लगी। नेहा को यूक्रेन से रोमानिया आने का मौका मिला लेकिन उसने मना कर दिया और इस युद्ध से भरे माहौल में परिवार का साथ देने का फैसला किया। नेहा की इस स्टोरी की हर तरफ तारीफ हो रही है।
'मैं पुतिन को अच्छी तरह जानता हूं...', यूक्रेन पर तनाव के बीच क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?