पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की तबीयत को लेकर उनके परिवार ने बयान जारी किया है। उनके परिवार का कहना है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ वेंटिलेटर पर नहीं हैं। वह मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं, जहां से रिकवरी संभव नहीं है और अंगों में खराबी है। दरअसल, कई जगह ये भी खबर चलने लगी कि परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया है। इसके बाद ये बयान जारी किया गया। कई खबरों में ये भी कहा गया कि वो वेंटिलेटर पर हैं।
इसके बाद परिवार ने बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि वह वेंटिलेटर पर नहीं है। अपनी बीमारी (एमाइलॉयडोसिस) की जटिलता के कारण पिछले 3 सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हैं। एक मुश्किल स्टेज से गुजर रहे हैं जहां से रिकवरी संभव नहीं है और अंग खराब हो रहे हैं। उसके दैनिक जीवन में आसानी के लिए प्रार्थना करें।
APML ओवरसीज के अध्यक्ष इफजाल सिद्दीकी ने बयान जारी कर कहा था कि जनरल परवेज मुशर्रफ घर पर थोड़े बीमार हैं, लेकिन हमेशा की तरह पूरी तरह सतर्क हैं, कृपया फेक न्यूज न सुनें। बस उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें, आमीन। मुशर्रफ के करीबी सहयोगी और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के एक अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। मुशर्रफ को वेंटिलेटर पर रखा गया है। इमरान खान सरकार में सूचना मंत्री रहे फवाद चौधरी एक समय में मुशर्रफ के प्रवक्ता थे। चौधरी ने कहा कि उन्होंने मुशर्रफ के बेटे से बात की है, जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति के बीमार होने की पुष्टि की है।
मुशर्रफ को पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या और लाल मस्जिद के मौलवी के मारे जाने के मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है। पूर्व सैन्य शासक इलाज के लिए मार्च 2016 में दुबई गए थे और तब से वापस नहीं लौटे हैं।
दिल्ली में पैदा हुए मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट करके सत्ता संभाली थी। उन्होंने 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। विभाजन के बाद उनका परिवार कराची में बस गया जहां उन्होंने सेंट पैट्रिक स्कूल में पढ़ाई की। वह काकुल में पाकिस्तान सैन्य अकादमी में शामिल हो गए और 1964 में संस्थान से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बाद में उन्हें पाकिस्तान सेना में नियुक्त किया गया।
पूर्व तानाशाह ने नागरिक सरकार की मंजूरी के बिना कारगिल ऑपरेशन शुरू किया था। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सहयोगियों ने कहा कि उन्होंने कारगिल ऑपरेशन के जरिए भारत के साथ बातचीत को पटरी से उतारने की कोशिश की थी।
1999 : जमीन पर सेना नवाज शरीफ का तख्तापलट कर रही थी और आसमान में थे परवेज मुशर्रफ