USA-China-Taiwan Dispute:अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर भड़के चीन ने अब सैन्य धमकी देनी शुरू कर दी है। पेलोसी के ताइवान पहुंचने के थोड़ी देर बाद ही उसने अपने 21 फाइटर प्लेन ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (एडीआईजेड) में भेज दिए। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दाखिल हुए चीन के फाइटर प्लेन की तस्वीर भी जारी की है। इस बीच चीन ने अमेरिका को एक बार फिर से चेतावनी दी है कि वह उसकी संप्रभुता और अखंडता से खिलवाड़ नहीं करें, क्योंकि ऐसा करना बेहद खतरनाक हो सकता है। साफ है कि चीन बार-बार अपनी सैन्य ताकत की धमकी दे रहा है। ऐसे में अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो सैन्य क्षमता को देखते हुए ताइवान का लंबे समय तक टिकना बेहद मुश्किल होगा।
चीन के मुकाबले बेहद कमजोर ताइवान
ग्लोबल फॉयर पावर इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार चीन दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी सैन्य ताकत है। जबकि ताइवान 21 वीं बड़ी सैन्य ताकत है। चीन के पास 20 लाख सक्रिय सैनिक हैं। जबकि ताइवान के पास 1.70 लाख सैनिक हैं। इसी तरह चीन के पास 3285 एयर क्रॉफ्ट हैं। जबकि ताइवान के पास 751 एयर क्रॉफ्ट हैं। चीन के पास 281 अटैक हेलिकॉप्टर हैं तो ताइवान के पास 91 अटैक हेलिकॉप्टर हैं। चीन के पास 79 पनडुब्बियां हैं जबकि ताइवान के पास 4 पनडुब्बियां हैं। जाहिर है ताइवान अपने दम पर चीन से मुकाबला नहीं कर पाएगा। लेकिन जिस तरह रूस और यूक्रेन के युद्ध में अमेरिका और पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की मदद की, वैसा अगर वह ताइवान के साथ करते हैं तो युद्ध की तस्वीर कुछ अलग हो सकती है। और युद्ध लंबा खिंचने पर उसकी कीमत पूरी दुनिया को चुकानी होगी।
सैन्य क्षमता | चीन | ताइवान |
रैंक | 3 | 21 |
सैनिक (एक्टिव) | 20 लाख | 1.7 लाख |
एयरक्रॉफ्ट | 3285 | 751 |
अटैक हेलिकॉप्टर | 281 | 91 |
पनडुब्बियां | 79 | 4 |
स्रोत: ग्लोबल फॉयर पावर इंडेक्स की रिपोर्ट 2022
चीन के साथ बढ़ी तनातनी तो ताइवान पहुंच गईं US हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी, जानें- क्या है पूरा मामला?
पूरी दुनिया में खड़ा हो जाएगा चिप संकट
अगर चीन, ताइवान पर हमला करता है तो तरह पूरी दुनिया के सामने चिप का संकट खड़ा हो सकता है। असल में पूरी दुनिया चिप के लिए ताइवान के भरोसे हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अकेले ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, दुनिया का 92 फीसदी एडवांस सेमीकंडक्टर का उत्पादन करती है। इसी तरह की एक दूसरी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में सेमीकंडक्टर से होने वाली कुल कमाई का 54 फीसदी हिस्सा ताइवान की कंपनियों के पास है। जाहिर है कि युद्ध के हालात में दुनिया में मोबाइल फोन, लैपटॉप , ऑटोमोबाइल, हेल्थ केयर, हथियारों आदि उत्पादों का उत्पादन संकट में पड़ जाएगा। और पहले से ही खाद्यान्न संकट और महंगाई से जूझ रही दुनिया के सामने एक नया संकट खड़ा हो जाएगा।