लंदन : नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल न करने की चेतावनी दी है। स्टोल्टनबर्ग ने साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस अगर यूक्रेन के खिलाफ किसी तरह की आक्रामकता दिखाता है अथवा सैन्य कार्रवाई करता है तो उसे 'भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।' नाटो महासचिव का कहना है कि पश्चिमी देश रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध और अन्य कदम उठाएंगे। शीत युद्ध के बाद से यूक्रेन को लेकर यूरोप के देशों और रूस के बीच तनातनी चली आ रही है। यूक्रेन यूरोपीय संघ एवं नाटो में शामिल होना चाहता है, इसे लेकर यूरोप एवं रूस के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। यूक्रेन सोवियत यूनियन का हिस्सा रह चुका है।
रूस पर प्रतिबंध भी एक विकल्प-स्टोल्टनबर्ग
रॉयटर्स के साथ इंटरव्यू में स्टोल्टनबर्ग ने कहा, 'हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि रूस ने अगर आक्रामकता दिखाई तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी। रूस के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों में प्रतिबंध भी एक विकल्प है।' हालांकि, रूस का कहना है कि यूक्रेन पर हमला करने की उसकी कोई योजना नहीं है। नाटो महासचिव ने कहा कि यह स्पष्ट है कि रूस इस बात को जानता है कि उसे कीमत चुकानी होगी।
अमेरिकी राजनयिक पर सख्त रूस
वहीं, रूस ने बुधवार को कहा कि अमेरिका के कुछ राजनयिकों को अगला महीना समाप्त होने से पहले यानी 31 जनवरी तक देश छोड़ देना होगा। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा कि अमेरिकी दूतावास के ऐसे कर्मचारी जिन्हें रूस में तीन वर्ष से अधिक वक्त हो गया है,उन्हें 31 जनवरी तक देश छोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि रूस की यह मांग अमेरिकी कार्रवाई के बदले में है, जिसमें रूस के 55 राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा गया है। प्रवक्ता ने कहा,‘हम अमेरिका की मांग को निष्कासन के तौर पर देखते हैं और इसका उसी तरह जवाब देंगे।’
यूक्रेन के सैन्य जमावड़े पर चिंता
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कहा कि नाटो के और अधिक विस्तार और रूस की सीमाओं के पास उसे हथियार तैनात करने से रोकने की पश्चिमी देशों से मास्को गारंटी मांगेगा। यूक्रेन पर आक्रमण करने की मास्को की कथित योजना के बारे में यूक्रेन व पश्चिमी देशों की चिंताओं के बीच पुतिन का यह बयान आया है। रूसी राजनयिकों ने देश के पूर्व में अलगाववादी टकराव वाले क्षेत्र के पास यूक्रेन के सैन्य जमावड़े के बारे में चिंता प्रकट की है। पुतिन ने रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन में एक कार्यक्रम में जोर देते हुए कहा कि रूस अपनी सुरक्षा की ठोस, विश्वसनीय और टिकाऊ गारंटी मांगेगा।