Nepal: PM ओली के खिलाफ बढ़ रहा है आक्रोश! राजशाही को वापस लाने की मांग के साथ हजारों लोग सड़कों पर

दुनिया
किशोर जोशी
Updated Dec 05, 2020 | 15:22 IST

नेपाल में इन दिनों सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ लगातार संकट बढ़ रहा है। शनिवार को हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए।

Nepal Demonstration held in capital Kathmandu demanding restoration of monarchy in the country
Nepal: PM ओली के खिलाफ आक्रोश! राजशाही समर्थक सड़कों पर 

काठमांडू: नेपाल में इन दिनों सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी में घमासान मचा हुआ है और इसका नुकसान पार्टी को रहा है। इसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी के एक धड़े का नेतृत्व पीएम केपी शर्मा ओली कर रहे हैं जबकि दूसरे धड़े की अगुवाई पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड कर रहे हैं। पार्टी की इस लड़ाई से परेशान होकर लोग अब सड़कों पर उतर रहे हैं और इसकी एक झलक आज काठमांडू में देखने को मिली।

हजारों की तादाद  में सड़कों पर उतरे लोग
शुक्रवार को काठमांडू की सड़कों पर हजारों की तादाद में राजशाही के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया और फिर से देश में राजशाही लाने की मांग की। ये राजशाही समर्थक हाथों में झंडे लिए हुए थे और वर्तमान सरकार की नीतियों और उसके खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शन में शामिल हुए एक शख्स ने कहा कि नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार के नेता देशहित कम लेकिन अपना हित ज्यादा देख रहे हैं और आपस में लड़ रहे हैं। इससे देश को नुकसान हो रहा है।

कोरोना संकट के बीच हो रहा है विरोध

विरोध के दौरान लोगों ने आरोप लगाया कि इस सरकार के दौरान ना रोजगार हैं ना ही अन्य सुविधाएं।  लोगों का आरोप है कि इस सरकार के दौरान भ्रष्टाचार चरम पर है। देश में जहां एक तरफ कोरोना संकट छाया हुआ है वहीं दूसरी तरफ सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वह लोगों की दिक्कतों को हल नहीं कर पा रही हैं और कोरोना पर काबू पाने में विफल रही है। काठमांडू  में आज हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान लोग मास्क लगाए नजर आए। नेपाल में अभी तक 1,551 लोग इस महामारी के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं।

नेपाल में लगातार बढ़ रहा है संकट

आपको बता दें कि नेपाल में 28 मई 2008 को राजशाही पूर्ण रूप से खत्म हो गई थी उसके बाद सभी पार्टियों ने मिलकर संविधान सभा का गठन किया और अंतत: सात साल बाद संविधान बनकर तैयार हुआ।  तब सभी पार्टियों को मिलाकर गठित संविधान सभा को देश का एक नया संविधान बनाने का काम सौंपा गया था। हिमालयी देश में फिलहाल 15,766 मरीजों का इलाज चल रहा है।

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