नई दिल्ली। नेपाल की तरफ से एक बार फिर दुस्साहस किया गया है। किशनगंज जिले में सीमा के करीब नेपाली पुलिस ने तीन भारतीय नागरिकों पर फायरिंग की जिसमें एक शख्स घायल हो गया। घायल का अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किशनगंज के एसपी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि नेपाल इस तरह के कदम उठाकर क्या संदेश देना चाह रहा है। अभी कुछ दिन पहले पश्चिमी चंपारण जिले में गंडक बैराज को लेकर नेपाल की तरफ से आनाकानी की गई थी। भारत के कड़े विरोध के बाद नेपाल ने अंत में गंडक बैराज के आठ गेट को खोलने का फैसला किया।
नो मेंस लैंड के करीब वारदात
नेपाली पुलिस की गोलीबारी से संबंधित जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक जितेंद्र कुमार सिंह और उसके दो दोस्त अंकित कुमार सिंह व गुलशन कुमार रविवार करीब साढ़ें सात बजे के आसपास मवेशी ढूंढने के लिए माफी टोला गांव के समीप नो मेंस लैंड पर गये थे। लेकिन भारत नेपाल सीमा पर तैनात नेपाल पुलिस ने इन युवकों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें जितेंद्र कुमार सिंह को गोली लगी । स्थानीय लोगों को जब जानकारी हुई तो उन्होने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया।
12 जून को भी हुई थी ऐसी वारदात
बिहार के सीतामढ़ी जिले से सटे नेपाल सीमा पुलिस के जवानों ने 12 जून को इलाके में गोलीबारी की थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। एक भारतीय नागरिक लागन यादव (45) को नेपाल सीमा पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक (डीजी) कुमार राजेश चंद्रा ने बताया था कि अब स्थिति सामान्य है और हमारे स्थानीय कमांडरों ने तुरंत हमारे नेपाली समकक्षों एपीएफ से संपर्क किया।एसएसबी के पटना फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आईजी) संजय कुमार ने बताया कि यह घटना स्थानीय लोगों और नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के बीच हुई थी।