नई दिल्ली: नेपाल के पीएम के पी शर्मा ओली ने एक बड़ा बयान दिया है। उनके मुताबिक मर्यादा पुरुषोत्तम राम भारतीय नहीं बल्कि नेपाली हैं। इसके अलावा वो कहते हैं वास्तविक अयोध्या भारत में नहीं बल्कि नेपाल में है। ओली पहली बार इस तरह की बातें नहीं बोल रहे हैं, हाल ही में जब उन्होंने भारत के तीन इलाको कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाली नक्शे में शामिल करने संबंधित प्रस्ताव पास कराया तो एक बात साफ हो गई है कि वो कहीं किसी और के इशारे पर खेल रहे हैं। यह एक बड़ा सवाल है कि ओली के बयान के पीछे का मकसद क्या है।
नेपाली पीएम ओली का दिव्य ज्ञान
कवि भानुभक्त आचार्य की जयंती पर पीएम के पी शर्मा ओली एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने कहा कि नेपाल पर सांस्कृतिक अत्याचार किया गया है। ऐतिहासिक और पौराणिक तथ्यों को सही तरह से दुनिया के सामने कभी नहीं रखा गया। हम अब भी इस बात पर यकीन करते हैं कि नेपाल ने राजकुमार राम को सीता दी थी। लेकिन सच यह नहीं है।
भारत का राजकुमार राम कैसे आ सकता है जनकपुर
ओली का दावा है कि नेपाल ने अयोध्या के राजकुमार को सीता नहीं दी। बल्कि नेपाल के अयोध्या के राजकुमार को दी थी। अयोध्या एक गांव हैं जो बीरगंज जिले के पश्चिम मेंहै। भारत का अयोध्या वास्तविक नहीं है। सवाल यह है कि अगर भारत के अयोध्या को सही माना जाए तो वहां का राजकुमार सीता से शादी करने के लिऐए जनकपुर कैसे आ सकता है। इसके साथ यह भी दावा कर दिया कि विज्ञान और ज्ञान की उत्पत्ति नेपाल में हुई है।
इस वीडियो में नेपाल के पीएम के पी शर्मा ओली दिव्य ज्ञान की धारा बहा रहे हैं। इसके बारे में जानकार कहते हैं कि नेपाल के पीएम कहीं न कहीं किसी दूसरी ताकत के दबाव में इस तरह की बातें कर रहे हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि भारत के साथ रिश्तों की छोटे भाई के संदर्भ से बाहर रखकर देखना चाहिए। लेकिन लंबे समय में वो नेपाल का अहित कर रहे हैं।