नई दिल्ली : उत्तर कोरिया के नेता किम जॉन्ग उन बदले-बदले नजर आ रहे हैं। दरअसल, अब वह दुनिया के देशों के साथ अपने रिश्ते मधुर करने के बारे में सोचने लगे हैं। अपनी पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक के तीसरे दिन उन्होंने दक्षिण कोरिया सहित बाहरी दुनिया के मुल्कों के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को बेहतर बनाने के बारे में विचार जाहिर किए। सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के कांग्रेस की अहम बैठक ऐसे समय हुई है जब अमेरिका से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदाई हो रही है। समझा जा रहा है कि अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के साथ ही किम जॉन्ग उन अपनी विदेश नीति में बदलाव करते हुए अन्य देशों के साथ अपने कूटनीतिक रिश्ते को आगे बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं।
दक्षिण कोरिया से संबंध सुधारेंगे किम
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया का कहना है कि किम ने अपने प्रतिद्वंद्वी देश दक्षिण कोरिया के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करने की बात कही है। हालांकि, आने वाले समय में दक्षिण कोरिया के साथ उनके संबंध कैसे होंगे, इस बारे में उन्होंने विस्तार से कुछ भी नहीं कहा है। राजनीतिक विश्लेषकों को उम्मीद है कि उत्तर कोरिया के शासक सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की पहली बैठक के जरिए सियोल और वाशिंगटन के प्रति एक सद्भावपूर्ण संकेत भेजना चाहते हैं क्योंकि घरेलू स्तर पर किम आर्थिक संकट सहित कई ससस्याओं का सामना कर रहे हैं।
बैठक में किम ने नीतिगत घोषणा की
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को कहा, 'हमारे बाहरी संबंधों को व्यापक रूप से विस्तार और विकसित करने के लिए किम ने हमारी पार्टी के रुख एवं नीतिगत स्टैंड की घोषणा की है।' केसीएनए ने कहा कि किम ने दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों की भी समीक्षा की। एजेंसी का कहना है कि यह समीक्षा बदलते हुए समय एवं मौजूदा स्थितियों की जरूरतों को देखते हुए की गई है।
निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई है कांग्रेस
कांग्रेस सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की फैसले लेने वाली सबसे बड़ी इकाई है। कांग्रेस ही पिछले परियोजनाओं की समीक्षा, नई प्राथमिकताओं की रूपरेखा और शीर्ष अधिकारियों की नियुक्ति एवं तबादले करती है। किम के कहने पर इस महीने कांग्रेस की बैठक बुलाई गई। जानकारों का मानना है कि अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रतिबंधों, प्राकृतिक आपदाओं, कोरोना संकट के चलते सीमाओं की बंदी से उत्तर कोरिया आर्थिक संकट सहित कई समस्याओं से घिरा हुआ है। उत्तर कोरिया के शासक देश को इन समस्याओं से निकालना चाहते हैं।
केसीएनए के अनुसार अपने शुरुआती संबोधन में किम ने 2016 में तय किए गए विकास लक्ष्यों का जिक्र किया और कहा, ‘तय किए गए सभी लक्ष्यों को पूरा नहीं किया जा सका है। उत्तर कोरिया निश्चित रूप से इसे नहीं दोहराना चाहेगा।’