सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से मिले एनएसए अजीत डोभाल, Jammu-Kashmir पर हुई बातचीत

दुनिया
Updated Oct 02, 2019 | 15:53 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद पहली बार एनएसए अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) ने सऊदी अरब क्राउन प्रिंस से मुलाकात की।

Ajit Doval
Ajit Doval 
मुख्य बातें
  • एनएसए अजित डोभाल ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात कर कश्मीर पर बात की
  • दो घंटे चली बैठक के दौरान जम्मू और कश्मीर समेत द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हुई
  • पाक पीएम इमरान खान के सऊदी अरब का दौरा करने के कुछ दिनों बाद एनएसए अजीत डोभाल ने सऊदी क्राउन प्रिंस से मुलाकात की

रियाद : जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370  (Article 370) हटाए जाने के बाद पहली बार भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) ने बुधवार को रियाद में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस के साथ दो घंटे की बैठक के दौरान जम्मू और कश्मीर समेत द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। क्राउन प्रिंस ने जम्मू-कश्मीर में भारत के दृष्टिकोण और कार्यों के बारे में अपनी समझ व्यक्त की। इसके अलावा एनएसए डोभाल ने सऊदी एनएसए के साथ भी बैठक की, उनके साथ राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की। 

गौर हो कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सऊदी अरब का दौरा करने के कुछ दिनों बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ मिलकर कश्मीर पर बात की। सूत्रों के मुताबिक इस यात्रा से भारत और सऊदी अरब के बीच संबंधों को और मजबूत होने की उम्मीद है।

डोभाल की यह यात्रा सऊदी नेतृत्व के साथ भावनाओं और संबंधों को दिए गए महत्व के नई दिल्ली से संकेत है। एनएसए की उपस्थिति न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि वह प्रधानमंत्री के सबसे बड़े दूत भी हैं। संसद द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए वोट करने के बाद उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कश्मीर में सरकारी कार्रवाई को गति दी।

सऊदी अरब के साथ भारत का संबंध हाल के वर्षों में ऊर्जा, प्रवासी सुरक्षा, आतंकवाद और रक्षा से जुड़े क्षेत्रों से आगे जाने के लिए मजबूत हुआ है, जो पहले के समय में शायद ही कभी हुआ हो। इसने भारत और यूएई और सऊदी अरब की दो प्रमुख खाड़ी शक्तियों के बीच संबंधों को बदल दिया है।

 

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