नई दिल्ली : ओमान बदलाव के दौर से गुजरने जा रहा है। यहां पहली बार सऊदी अरब की तर्ज पर अब क्राउन प्रिंस की व्यवस्था होगी। इसके अलावा संविधान में ऐसे कई बदलाव किए जा रहे हैं जिससे एक नए ओमान का उदय होगा। जानकार मानते हैं कि बदलते दौर की जरूरतों को पूरा करने एवं देश की अपनी आंतरिक समस्याओं को दूर करने के लिए ये बदलाव अहम हो सकते हैं। क्राउन प्रिंस की नियुक्ति हो जाने के बाद उत्तराधिकारी पर लगने अटकलों पर विराम लग जाएगा।
नए दौर के लिए तैयार हुआ ओमान
ओमान के सुल्तान काबूस बिन सईद अल सईद का पिछले साल निधन हो गया। इसके बाद उनके चचेरे भाई हैयथम बिन तारिक अल सईद ने उनकी जगह ली। मस्कट की गद्दी संभालने के करीब एक साल बाद हैयथम ने संवैधानिक बदलाव की रूपरेखा तैयार की है। हैयथम के बड़े बेटे धी यजान अब ओमान के क्राउन प्रिंस होंगे। यजान के पास संस्कृति, खेल एवं युवा मामलों का प्रभार पहले से है।
नागरिकों को मिलेंगे ज्यादा अधिकार
इस बड़े बदलाव के पीछे जानकारों का मानना है कि सत्ता संभालने के बाद हैयथम को कोरोना संकट जैसी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है। दूसरा देश की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। इसके अलावा बदले हुए समय में देश के कानून पुराने पड़े गए हैं। ऐसे में हैयथम देश को आगे बढ़ाने के लिए ये संवैधानिक सुधार कर रहे हैं। नए कानूनों के तहत नागरिकों को ज्यादा अधिकार एवं आजादी देने की बात कही गई है।
ओमान के बारे में रोचक तथ्य तथ्य
भारत और ओमान के बीच हैं सदियों पुराने संबंध
भारत और ओमान के बीच रिश्तों की अगर बात करें तो दोनों देशों के बीच संबंध प्राचीन समय से हैं। हजारों साल पहले गुजरात के लोथल बंदरगाह से लकड़ी के जहाज ओमान तक जाते थे। समय के साथ दोनों के देशों के व्यापारिक और आत्मीय संबंध प्रगाढ़ होते गए। फरवरी 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओमान का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान भारत और ओमान के बीच पर्यटन सहित आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।