'बहुत अधिक जोखिम वाला हो सकता है कोरोना वायरस का Omicron वैरिएंट', वैश्विक चिंताओं के बीच WHO की चेतावनी

WHO on Omicron variant: विश्‍व स्‍वास्थ्‍य संगठन ने चेताया है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रोन वैरिएंट 'बहुत अधिक' जोखिम वाला हो सकता है। WHO की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जबकि अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के सहित कई अन्‍य विशिष्‍ट लोगों ने कहा है कि इसे लेकर डरने की आवश्‍यकता नहीं है।

'बहुत अधिक जोखिम वाला हो सकता है कोरोना वायरस का Omicron वैरिएंट', वैश्विक चिंताओं के बीच WHO की चेतावनी
'बहुत अधिक जोखिम वाला हो सकता है कोरोना वायरस का Omicron वैरिएंट', वैश्विक चिंताओं के बीच WHO की चेतावनी  |  तस्वीर साभार: Representative Image

जेनेवा : कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इसे लेकर आगाह किया है। WHO ने शुरुआती आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि वैश्विक स्‍तर पर इसका जोखिम 'बहुत अधिक' दिख रहा है। यह न केवल तेजी से संक्रमण फैलाना वाला है, बल्कि इसके 'गंभीर परिणाम' सामने आ सकते हैं।

कोविड के ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर WHO की चेतावनी ऐसे समय में आई है, जबकि वैश्विक स्‍तर पर इसे लेकर दुनिया के नेताओं और विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है। अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के साथ-साथ कई विशेषज्ञों ने भी कहा है कि इसे लेकर चिंतित होने या घबराने की आवश्‍यकता नहीं है। हां, सतर्क रहने की जरूरत है। साथ ही उन्‍होंने वैक्‍सीनेशन अभियान जारी रखने और इसका कवरेज बढ़ाने पर जोर दिया है।

WHO की चेतावनी

इन सबके बीच WHO ने सदस्य देशों को एक तकनीकी ज्ञापन जारी किया है, जिसे कोविड के इस नए वैरिएंट को लेकर WHO की सबसे मजबूत, स्पष्ट चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य एजेंसी का कहना है कि ओमिक्रोन को लेकर 'काफी अनिश्चितताएं' हैं। लेकिन शुरुआती आंकड़े इस आशंका को बढ़ाते हैं कि वायरस के जीनोम में जो बदलाव हुआ है, वह इसे प्रतिरक्षा-प्रणाली की प्रतिक्रिया से बचने और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेज से संक्रमण फैलाने की इसकी क्षमता में बढ़ोतरी करता है। इसके आधार पर कहा जा सकता है कि भविष्य में कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं और इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।

WHO ने हालांकि यह भी कहा कि कोरोना वायरस का यह वैरिएंट कितना खतरनाक व संक्रामक होगा, यह कई कारकों पर निर्भर होगा, जिनमें एक यह भी है कि इसके मामले दुनिया में किस जगह अधिक बढ़ रहे हैं। लेकिन वैश्विक स्‍तर के समग्र आकलन में इसे 'बहुत अधिक' जोखिम वाला बताया गया है। महामारी से बचाव के लिए वैक्‍सीनेशन पर जोर देते हुए WHO ने कहा है कि जब तक वैज्ञानिक कोविड के वैरिएंट को बेहतर ढंग से समझने के लिए साक्ष्‍य जुटा रहे हैं, तब तक देशों को जितनी जल्दी हो सके टीकाकरण में तेजी लानी चाहिए।

दक्षिण अफ्रीका में आया पहला केस

यहां उल्‍लेखनीय है कि कोविड के इस नए वैरिएंट की सबसे पहले 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में पहचान की गई थी, जिसके बाद देखते ही देखते यह दुनिया के कई देशों में फैल गया। अब तक दुनिया के 12 देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं, जबकि कई देशों में इसके संदिग्‍ध केस हैं। इसकी गंभीरता को देखते हुए कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका सहित कई अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर रोक लगा दी है।

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