इस्लामाबाद: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) द्वारा फ्रांस में जाकर राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jet) की शस्त्र पूजा को लेकर देश में एक बहस सी छिड़ी हुई है। नेताओं से लेकर समाज के अन्य वर्ग के लोग सोशल मीडिया पर इस शस्त्र पूजन के विरोध और पक्ष में तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। खुद गुरुवार को स्वदेश लौटे रक्षा मंत्री ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मैंने वही किया जो मुझे सही लगा, क्योंकि मेरा विश्ववास है कि सुपर पावर है और मुझे बचपन से ही इस पर विश्वास है।'
अब इस मामले को लेकर पाकिस्तानी आर्मी के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर (Asif Ghafoor) की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। गुरुवार को एक ट्वीट करते हुए गफूर ने कहा कि राजनाथ द्वारा राफेल की पूजा करने में कुछ भी गलत नहीं है। गफूर ने लिखा, 'राफेल पूजा में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि यह धार्मिक रीति रिवाज है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए। याद रखें .... यह अकेली मशीन नहीं जो मायने रखती है असल में उस मशीन को संभालने वाले व्यक्ति की क्षमता, जुनून और संकल्प मायने रखता है। हमें पीएएफ शाहीनों पर गर्व है।'
मेजर जनरल आसिफ गफूर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच गहरा तनाव चल रहा है। दरअसल भारत द्वार जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद से ही पाकिस्तान भड़का हुआ है और उसने भारत के इस आतंरिक मसले को यूएन में तक उठाने की कोशिश की है जहां उसे मुंह की खानी पड़ी।
आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 अक्टूबर को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोर्डोक्स में फ्रांस में निर्मित 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से पहला राफेल लड़ाकू जेट प्राप्त किया था और विजयादशमी के शुभ अवसर पर इसकी 'शस्त्र पूजा' (हथियारों की पूजा) की थी। उन्होंने राफेल विमान पर 'ओम' से लिखा था और बुरी नजर से बचाने के लिए फूल, नारियल और नींबू रखे थे।
राजनाथ सिंह के पूजन के बाद सोशल मीडिया पर जमकर बवाल हुआ था और कांग्रेस पार्टी से भी राजनाथ के इस कदम का विरोध किया था किया। वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सिंह को शस्त्र पूजा को 'तमाशा' करार दिया था। वहीं कांग्रेस नेता उदित राज ने भी आपत्ति जताते हुए कहा था कि भारत में जिस दिन 'अंधविश्वास' समाप्त होगा उस दिन देश अपने स्वयं के फाइटर जेट बनाना शुरू कर देगा।