पाकिस्तान की एक कोर्ट ने एक सिख लड़की को उसके पति के पास भेज दिया है। लड़की को लेकर सिख समाज का दावा था कि उसका अपहरण किया गया था। इसे लेकर सिख समाज सड़कों पर भी उतरा था, लेकिन कोर्ट ने अब उस लड़की को वापस उसी के पास भेज दिया, जिसपर अपहरण का आरोप लगा था।
वहीं लड़की के पिता का कहना है कि उन्हें मुकदमे को लेकर गलत जानकारी दी गई थी, जिसके कारण वो कोर्ट नहीं पहुंच पाया और कोर्ट ने लड़की दीना कौर उर्फ दीना बीबी को उसके मुस्लिम पति हिजबुल्लाह के पास भेजने का निर्देश दे दिया। पिता इसे एक साजिश बता रहे हैं।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की स्वात जिला अदालत ने निर्देश दिया कि दीना को अपनी मर्जी से जाने दिया जाए। इसने हिजबुल्लाह को 15 लाख रुपये का मुचलका जमा करने का भी निर्देश दिया, जिसमें विफल रहने पर दीना को वापस दार-उल अमन (एक महिला आश्रय) भेज दिया जाएगा।
अदालत ने कहा कि दीना अपने पति के साथ जाने के लिए तैयार थी। हिजबुल्लाह ने कोर्ट में निकाहनामा भी पेश किया। दीना ने अदालत में कहा कि वह अपने पति के साथ जाने को तैयार थी क्योंकि वह बालिग है और शिक्षित है। इसलिए अपना फैसला खुद कर सकती है।
वहीं पिता गुरचरण ने कहा- "पहले प्रशासन ने हमें गुमराह किया कि बुनेर कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा, लेकिन मामले की सुनवाई स्वात कोर्ट में थी।"
बता दें कि पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों के सिखों, हिंदुओं और ईसाइयों सहित अल्पसंख्यक समुदाय उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। उनकी लड़कियों का अपहरण, बलात्कार की कई खबरें आ चुकी है। साथ ही अपहरण करके शादी के भी कई मामले सामने आए हैं।
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