नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ जहां भारत में टीकाकरण शुरू हो गया है वहीं पाकिस्तान ने अब भारत में बन रही ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है। पाकिस्तान सरकार को उम्मीद है कि साल की पहली तिमाही तक टीका उपलब्ध करा दिया जाएगा। पाकिस्तान औषधि नियामक प्राधिकरण (DRAP) ने देशभर में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस टीके के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है।
पड़ोसी मुल्क में पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और 65 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को टीका दिया जाएगा। टीके को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया है और यह एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित है, जो एक ब्रिटिश-स्वीडिश बहुराष्ट्रीय दवा और बायोफर्मासिटिकल कंपनी है। इस वैक्सीन का उत्पादन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट में किया जा रहा है। भारत कई देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है। हालांकि अभी तक पाकिस्तान को वैक्सीन नहीं दी जा रही है।
इस तरह पाकिस्तान को मिल सकती है वैक्सीन
पाकिस्तान कोविड-19 टीके की खरीद के लिए चीन और अन्य कंपनियों के साथ संपर्क में है। दोनों देशों के बीच संबंध ठीक न होने की वजह से इमरान खान भारत से वैक्सीन नहीं मांग रहे हैं। पाकिस्तान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की कोवाक्स प्रोग्राम के तहत इस वैक्सीन को हासिल कर सकता है। कोवाक्स ने वादा किया है कि वह दुनिया के 190 देशों की 20 फीसदी आबादी को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन मुहैया कराएगी। इसमें पाकिस्तान भी शामिल है। इसके अलावा इमरान खान सरकार ने राज्यों और प्राइवेट सेक्टर को दूसरे देशों से बात करने की छूट दे रखी है। इसके अलावा चीन की सिनोफार्मा वैक्सीन को जल्द ही मंजूरी दी जा सकती है।
दूसरे देशों को भी दी जा रही कोविशील्ड
वहीं भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से अप्रैल तक ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड की 4.5 करोड़ और खुराक 200 रुपए प्रति शॉट पर खरीदने की प्रतिबद्धता जताई है जिस पर कर का अलग से भुगतान किया जाएगा। इससे पहले सरकार ने कंपनी को 1.1 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया है। टीके की प्रत्येक खुराक का मूल्य 200 रुपये होगा और उस पर 10 रुपये जीएसटी के साथ कुल लागत 210 रुपये आएगी। इंस्टीट्यूट को आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद यह टीका बाजार में 1,000 रुपए की कीमत पर उपलब्ध होगा। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि इंस्टीट्यूट सिर्फ भारत को ही टीका मुहैया नहीं करा रहा है बल्कि उन देशों को भी देगा जो इसके लिए भारत से मदद चाहते हैं।