पाकिस्तान में महंगाई सिर चढ़कर बोल रही है यहां तक की आम जरूरत की चीजें जैसे राशन और सब्जियों के दामों में भी खासी तेजी है ऐसे में आम लोगों के लिए जीवन यापन करना बेहद महंगा साबित हो रहा है, प्रधानमंत्री इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान ने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल का वीडियो ट्वीट कर बताया है कि रावलपिंडी में एक किलो अदरक 1000 रुपये का बिक रहा है।
वहीं शिमला मिर्च की कीमत भी बात करें तो उसके दाम भी 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है साथ ही टमाटर, प्याज जैसी बेसिक सब्जियों की कीमतों में भी आग लगी है वहीं और सब्जियों के दाम भी लोगों की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं।
इससे पहले भी यहां ये स्थिति आ चुकी है,अक्टूबर में यहां ऐसे ही हालात हो गए थे, जब लोग त्राहिमाम कर रहे थे। सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे थे उस वक्त दाल की कीमतें 200 किलो के पार तो वहीं एक दर्जन अंडे की कीमत 150 रुपये के पार तक पहुंच गई थी। इतना ही नहीं चीनी आटा और सब्जियों की कीमतें भी आसमान छू रही थी।
वहीं खाने के उत्पादों की बात करें तो आटा 60 तक मिल रहा था। वहीं मूंग दाल की कीमत तो 260 रुपये किलो तो चना दाल 160 और मसूर दाल 150 रुपये किलो बिक रही था। दूध की कीमतें 150 लीटर तक पहुंच गई था जबकि चीनी 105 रुपये किलो तक बिक रही थी। पब्लिक का कहना है कि मंहगाई के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। इस सरकार में आटा चोर, चीनी चोर, गैस चोर लोग बैठ हैं। मंहगाई का आलम ये है कि गरीब आदमी पिस गया ।
बताते हैं कि पाक सरकार इसपर काबू पाने की तमाम कोशिशें कर रही है मगर हालत सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं और सरकार तमाम कोशिशों के बाद भी दाम बेकाबू होते जा रहे हैं वैसै पाकिस्तान में महंगाई का इस कदर बेकाबू होना नई बात नहीं है लेकिन इस दफा हालात गंभीर नजर आ रहे हैं क्योंकि आटा-दाल बेसिक हैं जो सभी को चाहिए जिसे उचित मूल्य पर पाकिस्तान सरकार उपलब्ध नहीं करा पा रही है। पिछले साल दिसंबर में देश में हालात बेहद खराब दिखने लगे थे जब गेहूं की कीमत 2000 रुपये प्रति 40 किलो पर पहुंच गई थी मगर इस साल तो यह रेकॉर्ड टूट गया और गेहूं के 40 किलो के गेहूं के कट्टे की कीमत 2400 रुपए है, वहां पहली बार गेहूं की कीमत इस स्तर तक पहुंची है।
इसी साल फरवरी में चीनी (Suger) के दाम आसमान छू रहे थे महंगाई की करारी मार अब चीनी पर पड़ी और देश में एक किलो चीनी 85 पाकिस्तानी रुपये में मिल रही थी। पूरे देश में चीनी के दाम पर काबू पाने के सरकार के तरफ से कोई प्रयास होते नहीं देखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लाहौर में सामान्य क्वालिटी की चीनी खुदरा में 85 रुपये किलो में बिक रही थी। यहां पचास किलो की बोरी कीमत चार हजार रुपये थी। महंगी चीनी की मार से कराची और देश के अन्य शहर भी समान रूप से पीड़ित थे। देश में कहीं भी चीनी की कीमत 70 रुपये किलो से कम नहीं थी।