पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मेजर जनरल (रिटायर्ड) जफर मेहदी अस्करी के बेटे हसन अस्करी को पाकिस्तान सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार पर उनकी आलोचना के लिए देशद्रोह के आरोप में दोषी ठहराया और रिटायर्ड मेजर जनरल के बेटे को पांच साल की जेल की सजा सुनाई है, द न्यूज इंटरनेशनल ने बीबीसी उर्दू सर्विस के हवाले से बताया कि दोषी ने कथित तौर पर सेनाध्यक्ष जनरल बाजवा को दिए गए विस्तार (Extension) की आलोचना करते हुए एक पत्र लिखा और उनका इस्तीफा मांगा था।
गौर हो कि अस्करी एक कंप्यूटर इंजीनियर हैं और उन्होंने कथित तौर पर पिछले साल सितंबर में पत्र लिखा था, बताते हैं कि उन्हें पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 131 के तहत दोषी ठहराया गया है।
अस्करी के पिता ने शिकायत की थी कि साहिवाल की उच्च सुरक्षा वाली जेल में अपने बेटे से मिलने में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, इससे पहले जनवरी में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई की थी जिसने देशद्रोह के मुकदमे को कैमरे की निगरानी में करने का निर्देश दिया था।
साहीवाल जेल में बेटे से मिलने में कठिनाइयों का हवाला देते हुए पिता ने याचिका में अस्करी को रावलपिंडी की अदियाला जेल में स्थानांतरित करने के लिए संघीय मानवाधिकार मंत्रालय की मदद मांगी थी क्योंकि उनके माता-पिता बूढ़े और बीमार हैं।
गौर हो कि हाल ही में, देश की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के महानिदेशक की नियुक्ति को लेकर पाकिस्तान का नागरिक और सैन्य नेतृत्व आपस में उलझ गए थे और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के नए चीफ के चयन में पीएम इमरान खान की पाकिस्तान की सेना के आगे नहीं चली, इस मोर्चे पर पर सेना ने बाजी मार ली और जनरल बाजवा की पसंद नदीम अंजुम आईएसआई के नए चीफ बने ।