इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट से भी जमानत मिल गई है, जिसके बाद जेल से उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। इससे पहले लाहौर हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिली थी। नवाज के स्वास्थ्य में पिछले कुछ दिनों में तेजी से गिरावट आई है, जिसे देखते हुए लाहौर हाई कोर्ट ने उनकी जमानत की अर्जी मंजूर कर ली थी। अब इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने भी इसी आधार पर पीएमएल-एन के नेता को जमानत दे दी है। उन्हें मंगलवार तक के लिए जमानत दी गई है।
जेल में बंद नवाज शरीफ की हालत सोमवार को बिगड़ गई थी, जिसके बाद उनके बेटे ने आशंका जताई थी कि उन्हें हिरासत में संभवत: जहर दिया गया, जिसके कारण उनकी हालत बिगड़ गई। बाद में मरयम नवाज का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें अपने पिता के गंभीर रूप से बीमारी के बारे में जानकर वह बेतहाशा रोती हुईं नजर आईं। वह अपने बेटे जुनैद सफदर से लिपटकर रो रही थीं।
अब शनिवार को इस्लामाबाई हाई कोर्ट ने नवाज शरीफ को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दे दी। सुनवाई के दौरान अदालत ने सीधे सरकार पर जिम्मेदारी छोड़ते हुए कहा कि अगर अभियोजन पक्ष जमानत याचिका का विरोध करेगा तो पीएमएल-एन नेता को जमानत नहीं दी जाएगी, लेकिन यदि इस बीच जेल में नवाज को कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी होगी। कोर्ट के इस रुख के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि उन्हें पीएमएल-एन के नेता को जमानत देने में कोई आपत्ति नहीं है।
इस बीच ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तान में 31 अक्टूबर को इमरान खान की सरकार के खिलाफ होने वाले विपक्ष के व्यापक प्रदर्शन 'आजादी मार्च' को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है और ऐसे में संभव है कि नवाज के साथ किसी तरह का समझौता हुआ हो, पर सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने इससे इनकार किया है।