नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Former Pakistan PM Nawaz Sharif) अस्पताल में भर्ती हैं, वहीं उनकी बेटी मरियम नवाज (Maryam Nawaz ) की भी तबियत बिगड़ गई है, उन्हें लो ब्लडप्रेशर की शिकायत बताई जा रही है जिसके चलते उन्हें भी इलाज और देखभाल के लिए हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है उन्हें भी उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां पिता नवाज शरीफ भर्ती हैं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नवाज शरीफ की सेहत में कुछ सुधार दिख रहा है कहा जा रहा है कि हालत में सुधार के बाद उन्हें फिर जेल भेज दिया जाएगा। गौरतलब है कि शरीफ की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें सोमवार को लाहौर के सर्विसेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उनके खून में प्लेटलेट की संख्या काफी कम हो गई थी। शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे थे। वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के बड़े नेता हैं।
उधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार की इच्छा के मुताबिक उनका बढ़िया से बढ़िया इलाज सुनिश्चित करे।
सरकार की मुख्य प्रवक्ता फिरदौस आशिक अवान ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री खान ने शरीफ के स्वास्थ्य के बारे में पंजाब सरकार से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। खान ने पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि शरीफ का उनके परिवार की इच्छा के मुताबिक सर्वश्रेष्ठ इलाज सुनिश्चित हो।
नवाज शरीफ के बेटे हुसैन ने जताई जहर देने की आशंका
नवाज शरीफ के बेटे हुसैन नवाज ने मंगलवार को आशंका जताई कि उन्हें भ्रष्टाचार रोधी संस्था की हिरासत में जहर दिया गया। पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे पीएमएल-एन के सर्वोच्च नेता को सोमवार देर रात उनकी हालत बिगड़ने के बाद सर्विस अस्पताल लाहौर में भर्ती कराया गया था।
हुसैन ने लंदन से ट्वीट किया कि हो सकता है मेरे पिता को जहर दिया गया हो क्योंकि जब उन्हें अस्पताल में में शिफ्ट किया गया तब उनका प्लेटलेट्स गंभीर रूप से कम हो गया। उन्होंने कहा कि इमरान खान सरकार को जवाब देना होगा कि प्लेटलेट्स काउंट्स 16,000 तक पहुंचने के बावजूद उन्हें समय पर अस्पताल में क्यों नहीं शिफ्ट किया गया।
नवाज के बेटे ने पूछा कि जब काफी हद तक प्लेटलेट्स काउंट कम होना अपने आप में बहुत गंभीर और यह जीवन के लिए खतरा है। उनके पिता को अस्पताल क्यों नहीं भेजा गया? क्या सरकार इसका जवाब देगी?
अल अजीजिया स्टील मिल मामले में एक अदालत द्वारा 24 दिसंबर 2018 को दोषी ठहराए जाने के बाद से वह 7 साल की कैद काट रहे हैं। यह मामला भ्रष्टाचार के उन तीन मामलों में शामिल है जो पनामा पेपर कांड में पाक सुप्रीम कोर्ट के 2017 के आदेश के बाद दायर किए गए थे।