इस्लामाबाद : आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान की हालत इतनी पतली क्यों है, इसके बारे में सरकार के एक मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि विदेशी सहायता से चलने वाली देश की 43 फीसदी योजनाओं में ही खामी है। मंत्रालय ने कहा कि 35 अरब डॉलर की लागत वाली ये ये 43 प्रतिशत योजनाएं समस्या खड़ी करने वाली हैं। डॉन समाचार पत्र के मुताबिक या तो इन परियोजनाओं पर काम नहीं हो रहा है अथवा इनसे जिन नतीजों की उम्मीद की गई थी, वे पूरा नहीं हो पा रही हैं।
समीक्षा बैठक में परियोजनाओं पर हुई चर्चा
विदेशी फंडिंग पर नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मंत्रालय ने कहा कि वह अलग-अलग आर्थिक क्षेत्रों में जारी 34.8 अरब डॉलर की परियोजनाओं को देख रहा है। इनमें से 43 फीसदी परियोजनाएं परेशानी खड़ी करने वाली मानी जा रही हैं। इस बैठक में आर्थिक मामलों के मंत्री सरदार अयाज सादिक शामिल हुए। अवाज के अलावा बैठक में संबंधित मंत्रालयों एवं परियोजनाओं से जुड़ी एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में अयाज ने देश में बिजली संकट का जिक्र किया और कहा कि इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है।
बैठक में ऊर्जा संकट का जिक्र
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पर पटरी पर लाने में ऊर्जा की बहुत बड़ी भूमिका है लेकिन देश में बिजली संकट एक चुनौती बन गया है। मंत्री ने इन परियोजनाओं से जुड़ी समस्याओं को दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समस्याओं को तय समय में दूर करने की जरूरत है। पाकिस्तान में छाए आर्थिक संकट के बीच यह समीक्षा बैठक हुई है। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मदद की गुहार भी लगा रहा है।