पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों से ज्‍यादती, न्‍यूयार्क-लंदन में सड़कों पर उतरे सिंधी-बलूच [Video]

Pakistan minorities news: पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों के दमन के खिलाफ सिंधी व बलूच समुदाय के लोगों ने अमेरिका व ब्रिटेन में प्रदर्शन किए।

पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों से ज्‍यदती, न्‍यूयार्क-लंदन में सड़कों पर उतरे सिंधी-बलूच
पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों से ज्‍यदती, न्‍यूयार्क-लंदन में सड़कों पर उतरे सिंधी-बलूच  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • सिंधी व बलूच समुदाय के लोगों ने न्‍यूयार्क, लंदन में पाकिस्‍तानी हुक्‍मरानों के खिलाफ आवाज बुलंद की
  • प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोगों का दमन किया जा रहा है
  • पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों पर अत्‍याचार के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और रोष जताया

न्‍यूयार्क : पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों की आवाज किस तरह दबाई जाती है, इसे लेकर कई रिपोर्ट्स सामने आ चुकी है। धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों के साथ-साथ पाकिस्‍तान में सिंध और बलूच समुदाय के लोगों ने भी पाकिस्‍तान की सरकार और सेना पर उनके दमन का आरोप लगाया है। सिंधी व बलूच समुदाय के लोग इसे लेकर आए दिन प्रदर्शन करते रहे हैं। अब एक बार फिर उन्‍होंने अमेरिका में पाकिस्‍तानी मिशन के समक्ष अपना विरोध जताया।

पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों के दमन के खिलाफ इन लोगों ने नारे लगाए। उनके हाथों में नारे लिखी तख्तियां भी नजर आईं। कोरोना काल में हुए इस प्रदर्शन में लोगों ने सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करते हुए पाकिस्‍तानी हुक्‍मरानों के खिलाफ आवाज बुलंद की। उनका प्रदर्शन सिंध व बलूचिस्‍तान प्रांत में सरकार व सेना के खिलाफ आवाज उठाने वालों के रहस्‍यमयी तरीके से लापता हो जाने को लेकर मनाए जाने वाले अंतरराष्‍ट्रीय दिवस पर हुआ है।

अमेरिका, ब्रिटेन में प्रदर्शन

इस खास दिन पर अमेरिका के साथ-साथ ब्रिटेन में भी पाकिस्‍तान के अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोगों ने पाक हुक्‍मरानों के खिलाफ आवाज उठाई। अमेरिका के न्‍यूयार्क में जहां अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोगों ने पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों के दमन और उनके खिलाफ अत्‍याचार को लेकर प्रदर्शन किया, वहीं ब्रिटेन में सिंधी व बलूच समुदाय के लोगों ने संसद व प्रधानमंत्री आवास के बाहर पाकिस्‍तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

'इंटरनेशनल डे ऑफ द विक्टिम्‍स ऑफ एंफोर्सड डिसअपीयरेंस' दुनियाभर में 30 अगस्‍त को मनाया जाता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुताबिक, यूं तो यह एक वैश्विक समस्‍या है और मानवाधिकारों के उल्‍लंघन से अधिक खतरनाक है, जिसमें प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने वालों का दमन होता है और कुछ समय बाद उनके बारे में लोगों के पास कोई जानकारी नहीं रह जाती। ऐसा आम तौर पर किसी खास समुदाय के लोगों को डराने के लिए किया जाता है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पाकिस्‍तान यही रणनीति देश में सिंध व बलूच समुदाय के लोगों को डराने-धमकाने के लिए अपना रहा है।

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