नई दिल्ली : पाकिस्तान फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की लिस्ट में बना रहेगा या नहीं इस पर फैसला एजेंसी की बैठक में ले लिया जाएगा। इसकी बैठक रविवार से शुरू होने जा रही है। गुरुवार को खत्म होने वाली इस बैठक में ये पता चल जाएगा कि इस्लामाबाद ने अपनी सरजमीं से फल फूल रहे आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए कौन से और कितने कारगर कदम उठाए हैं। इसके बाद फिर इसी के आधार पर फैसला ले लिया जाएगा कि पाकिस्तान आगे भी FATF की लिस्ट में बना रहेगा या नहीं।
इसी बीच अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को गुमराह करने के लिए पाकिस्तान ने अपनी नई चाल चल दी है। इस बार पाकिस्तान ने आतंक के सरगना और जैश ए मोहम्मद का मुखिया मसूद अजहर को अपने परिवार संग लापता बता दिया है। बता दें कि मसूद अजहर को 1 मई 2019 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 कमिटी के द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया था।
पाकिस्तान ने किया ये दावा
पाकिस्तान ने दावा किया है कि संयुक्त राष्ट्र के द्वारा घोषित आतंकियों की संख्या पाकिस्तान में केवल 16 है जिसमें से 7 की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 9 अभी जीवित हैं। ये हैं लश्कर ए तैयबा प्रमुख हाफिज सईद, इसका सदस्य हाजी मोहम्मद अशरफ, जफर इकबाल, हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी, याहया मोहम्मद मुजाहिदी और आरिफ कासमानी।
FATF कर रहा है समीक्षा
इसके अलावा अलकायदा को वित्तीय मदद करने वाला अब्दुल रहमान। इन पर यूएन के द्वारा तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं जिनमें इनके बैंक अकाउंट को भी फ्रीज कर दिया गया है। पाकिस्तान ने ये भी कहा है कि करीब 5500 बैंक अकाउंट को यूएन के द्वारा फ्रीज किया गया है जबकि इन्हें मजदूरी कर कमाई की अनुमति दी गई है।
एफएटीएफ फिलहाल पाकिस्तान के द्वारा आतंकी संगठनों के खिलाफ उठाए गए कदमों की समीक्षा कर रहा है, कि वह वैश्विक पैमानों पर कितना खरा उतर रहे हैं। यहां आपको जानना जरूरी है कि एफएटीएफ की अध्यक्षता चीन कर रहा है।
दिया ये स्पष्टीकरण
जब पाकिस्तान से पूछा गया कि यूएन के द्वारा घोषित किए गए वैश्विक आतंकवादियों के खिलाफ उन्होंने क्या-क्या कदम उठाए हैं। सूत्रों के मुताबिक इसके जवाब में पाकिस्तान ने कहा कि मसूद अजहर और उसका परिवार कई दिनों से लापता है। स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया कि 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकीउर्ररहमान लखवी (हक्कानी नेटवर्क का मुखिया) और मसूद अजहर के खिलाफ क्यों ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
आपको बता दें कि जैश ए मोहम्मद (जेईएम) ने 2019 में 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।