लाहौर : पाकिस्तान के पर्वतीय पर्यटन स्थल मुर्री में भारी बर्फबारी और मुश्किल हालात के बीच 22 लोगों की जान चली गई, जिनमें 10 बच्चे भी शामिल हैं। इस घटना के बाद जहां कई परिवारों में मातम पसर गया है, वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान इस पर अपने एक ट्वीट को लेकर विवादों में हैं, जिसमें वह घटना के लिए पर्यटकों की भीड़ को जिम्मेदार ठहराते नजर आ रहे हैं। लोगों ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है तो विपक्ष ने इसे बेहद 'असंवेदनशील' करार दिया है।
पाकिस्तान के मुर्री और गलियत में छह से आठ जनवरी के बीच भारी बर्फबारी हुई है। शुक्रवार रात (7 जनवरी) ही यहां महिलाओं और बच्चों सहित हजारों पर्यटक फंस गए थे। मुर्री तक जाने वाला हर रास्ता बंद हो गया था। 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 1000 कार पर्यटन स्थल पर फंस गए थे। बाद में यहां 10 बच्चों सहित 22 लोगों की मौत की खबर सामने आई, जिससे पूरे पाकिस्तान में शोक की लहर दौड़ गई।
घटना के बाद प्रशासन इलाके को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित करते हुए राहत एवं बचाव अभियान तेज कर दिया गया। साथ ही खराब मौसम का हवाला देते हुए लोगों से मुर्री नहीं जाने की अपील भी की गई है। इस बीच इमरान खान के उस ट्वीट को लेकर बवाल पैदा हो गया है, जिसमें वह घटना के लिए पर्यटकों की भीड़ को जिम्मेदार ठहराते हुए नजर आ रहे हैं। इमरान खान ने मुर्री की घटना पर दुख जताते हुए शनिवार को यह ट्वीट किया था, जिस पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।
मुर्री की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इमरान खान ने कहा था, वह पर्यटकों की मौत से स्तब्ध और दुखी हैं। उन्होंने ट्वीट किया, 'जबरदस्त बर्फबारी और मौसम की स्थिति जाने बिना भारी संख्या में पर्यटकों के आने से जिला प्रशासन तैयारी नहीं कर सका। जांच के आदेश दिए गए हैं और इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो, इसके लिए कड़े नियम बनाये जा रहे हैं।' इमरान खान के इसी ट्वीट को लेकर विपक्षी नेताओं के साथ-साथ आम लोगों ने भी उन्हें आड़े हाथों लिया है।
पूर्व संसद सदस्य बुशरा गौहर ने इमरान खान की आलोचना करते हुए कहा कि पीड़ितों को दोष देना बंद कीजिये। यह आपकी कठपुतली सरकार की लापरवाही, अक्षमता और कुप्रबंधन का नतीजा है। वहीं, पीएमएल-एन के उपाध्यक्ष परवेज रशीद ने इमरान खान के ट्वीट को 'क्रूर और बेवकूफ' करार देते हुए इसे वापस लेने की मांग की। पीएमएल-एन प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने अपने ट्वीट में लिखा, 'यह बयान (आपकी) उदासीनता, क्रूरता और अक्षमता की पराकाष्ठा है।'
वहीं, पीएमएल-एन के नेता अहसान इकबाल ने इमरान खान की आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान मौसम विभाग ने 31 दिसंबर को भारी बर्फबारी के बारे में चेतावनी जारी की थी, पर सरकार में हर कोई सो रहा था। पत्रकार अब्सा कोमल ने भी इमरान खान की आलोचना करतेर हुए उनकी टिप्पणी को 'असंवेदनशील' करार दिया है। उन्होंने कहा, यह आपके प्रशासन की विफलता है, इसे कम से कम स्वीकार कीजिये। खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन पर्यटकों को पहले ही रोक सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।