इस्लामाबाद: भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान की एक बार फिर कश्मीर को लेकर कथित बेचैनी साफ दिखी है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत के साथ बातचीत की पेशकश की है लेकिन उसके लिए शर्त रख दी है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि यदि दिल्ली जम्मू और कश्मीर की पिछली स्थिति को बहाल करने की दिशा में एक रोडमैप प्रदान करता है तो पाकिस्तान कट्टर प्रतिद्वंद्वी भारत के साथ फिर से बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है।
भारत ने नहीं दी प्रतिक्रिया
दिन में ही सपने देख रहे इमरान खान के इस बयान पर भारत ने कोई प्रतिक्रिया देना तक जरूरी नहीं समझा है। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले आर्टिकल 370 को हटाते हुए जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांट दिया था। इसके तहत लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। हालांकि जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित बनाने का कदम अस्थायी है और यहां विधानसभा है।
क्या कहा इमरान ने
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, "यहां तक कि अगर वे (भारत) हमें एक रोडमैप देते हैं कि वे कौन से कदम उठा रहे हैं, तो हम तैयार होंगे। उन्होंने हम मूल रूप से अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के खिलाफ कदम उठाया है। हम हमेशा भारत के साथ 'सभ्य' और 'खुले' संबंध चाहते हैं। यह सामान्य ज्ञान है कि यदि आप उपमहाद्वीप में गरीबी कम करना चाहते हैं, तो सबसे अच्छा तरीका एक दूसरे के साथ व्यापार करना है।''
अपने विपक्ष पर लगाया आरोप
इमरान खान ने दावा किया कि विपक्षी पार्टियों के नेता जो खुद को ‘लोकतांत्रिक’ बताते हैं, उन्होंने उनकी सरकार को गिराने के लिए सेना से मदद मांगी। विपक्षी दलों के नेताओं को लेकर उनका यह बयान यहां एक राजमार्ग उन्नयन और पुनर्वास परियोजना के शिलान्यास समारोह के दौरान आया है। इमरान ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के नेता ख़ुद को लोकतांत्रिक बताते हैं लेकिन वे एक चुनी हुई सरकार का तख्तापलट करने की बात करते हैं।