इस्लामाबाद: कोरोना वायरस से प्रभावित चीन में फंसे पाकिस्तानी नागिरकों की आखिर घर वापसी शुरू हो गई है। सोमवार को पाकिस्तान ने दो चीनी विमानों को अपने यहां उतरने की इजाजत दी। हालांकि पाकिस्तान की हालत ऐसी है कि उसे कोरोना वायरस के संक्रमण तक का पता लगाने के लिए चीन की मदद लेनी पड़ रही है। चीन ने पाकिस्तान को इस जानलेवा वायरस के मामलों का पता लगाने के लिए विशेष चिकित्सीय किट उपलब्ध कराया है।
पाकिस्तान नागर विमानन प्राधिकरण (पीसीसीए) के अनुसार चीन के उरुमची शहर से चाइना सदर्न एयरलाइन्स के दो विमान इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरे। एक विमान ‘सीजेड6007’ में 57 पाकिस्तानी और 12 चीनी नागरिक समेत कुल 69 यात्रियों को यहां लाया गया। अधिकारियों ने बताया कि दोहा से कतर एयरलाइन्स का एक विमान भी चीन से कम से कम 40 पाकिस्तानी छात्रों को यहां लेकर पहुंचा, क्योंकि चीन से पाकिस्तान की सीधी विमान सेवाएं बंद थी।
इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विशेष स्वास्थ्य सहायक डॉ जफर मिर्जा ने कहा कि सोमवार को देश में आने वाले यात्रियों में से किसी में भी कोरोनोवायरस होने का संक्रमण नहीं था। मिर्जा ने ट्वीट किया, ‘पाकिस्तानियों सहित उनके स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए सभी अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। एक जिम्मेदार पाकिस्तान का मतलब जरूरत होने पर भावुक होने लेकिन निर्णय लेने में तर्कसंगत और व्यावहारिक होना भी है। हम कोरोना वायरस से निपटने के लिए चीनी प्रयासों का समर्थन करते हैं।’
इससे पहले जब दुनियाभर के देश कोरोना वायरस प्रभावित वुहान से अपने नागरिकों को रेस्क्यू कर रहे थे तो तब पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को निकालने से इंकार कर दिया था। पाकिस्तान ने इसके पीछे तर्क दिया था कि वह ऐसा कर चीन के साथ एकजुटता दिखाना चाहता है। इसके बाद चीन में रह रहे कई पाकिस्तानी छात्रों के वीडियो वायरल हुए जो सरकार से लगातार ये गुहार लगाते दिखे कि उन्हें चीन से उसी तरह निकाला जाए जैसे भारत ने अपने देश के छात्रों को निकाला। इस दौरान छात्रों ने इमरान सरकार पर अपना गुस्सा निकाला था।