इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर 'इस्लाम पर हमला' करने का आरोप लगाया है। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने टीचर हत्या मामले में कट्टर इस्लामी सोच की आलोचना करने के साथ-सात पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के प्रकाशन को सही ठहराया है। इसके बाद इमरान खान ने मैक्रों की आलोचना की है। पाकिस्तानी पीएम का आरोप है कि मैक्रों का बयान समाज में विभाजन की सोच बढ़ाने वाला है और इससे मुस्लिमों की भावनाएं आहत हुई हैं।
पेरिस में टीचर की हुई हत्या
गौरतलब है कि फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक टीचर की बेरहमी से हत्या हुई है। इस टीचर ने अपने छात्रों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में बताने के लिए शार्ली हेब्दो द्वारा बनाए गए पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों को दिखाया जिसके बाद एक इस्लामी युवक ने सरेआम सड़क पर टीचर का सिर कलम कर दिया। इस घटना की निंदा करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति ने इस्लाम पर निशाना साधा। रिपोर्टों के मुताबिक मैक्रों ने कहा, 'टीचर की हत्या इसलिए हुई क्योंकि इस्लामी हमारा भविष्य पर कब्जा जमाना चाहते हैं।' मैक्रों के इस बयान के बाद इमरान खान ने कई ट्वीट किए हैं। पाकिस्तानी पीएम का कहना है कि यह बयान विभाजन पैदा करने वाला है।
खान बोले-इससे कट्टरवाद बढ़ेगा
खान ने अपने ट्वीट में कहा, 'यह ऐसा समय है जब राष्ट्रपति मैक्रों को राहत पहुंचाने वाले उपाय करने चाहिए न कि चरमपंथी तत्वों को जगह देनी चाहिए। इससे आगे ध्रुवीकरण एवं अलग-थलग करने की सोच को बढ़ावा मिलेगा जो कि अंतत: कट्टरवाद में तब्दील होगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैक्रों ने हिंसा करने वाले आतंकवादियों चाहें वे मुस्लिम हों, श्वेत नस्ली सोच को बढ़ाने वाले हों या नाजी विचारधारा वाले, उनकी आलोचना करने की जगह इस्लाम पर हमला करते हुए उन्होंने इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का काम किया है।'
मैंक्रो के बयान पर हुआ विवाद
फ्रांस के राष्ट्रपति कुछ दिनों पहले ही अपने बयान से विवाद पैदा कर चुके हैं। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने कहा कि 'इस्लाम ऐसा धर्म है जिस पर पूरी दुनिया में संकट मंडरा रहा है।' खान ने आगे कहा, 'राष्ट्रपति मैक्रों ने बिना किसी समझ के इस्लाम पर हमला किया है। इससे यूरोप और दुनिया भर के मुस्लिमों की भावनाएं आहत हुई हैं।' फ्रांस में टीचर की सरेआम हत्या पर दुनिया भर में आक्रोश दिखा है। फ्रांस में कई जगहों पर हजारों लोग सड़कों पर निकले और टीचर सैम्युल पैटी के साथ एकजुटता जाहिर की।