Russia-Ukraine War: पिछले 75 दिन से चल रही रूस और यूक्रेन की लड़ाई अब पूर्वी यूक्रेन की ओर शिफ्ट हो गई है। रूस की कोशिश है कि वह ज्यादा से ज्यादा हिस्से पर कब्जा कर सके। लेकिन उसे रोकने के लिए पश्चिमी देश भी यूक्रेन को हथियारों की मदद जारी रखे हुए हैं। इसी कड़ी में अमेरिका ने यूक्रेन को घातक फीनिक्स घोस्ट ड्रोन दिया है। अमेरिका ने 121 फीनिक्स घोस्ट ड्रोन की सप्लाई कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि ये घातक और आत्मघाती ड्रोन रूस की पूर्वी यूक्रेन के कब्जे की रणनीति को बड़ा झटका दे सकते हैं।
क्या है रूस की योजना
बीते 3 मई को अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारी और यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संबंधी संगठन के लिए अमेरिकी दूत माइकल कारपेंटर ने दावा किया था कि रूस मई में पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से पर कब्जा करेगा। इसके अलावा वह दक्षिणी शहर खेरसोन को स्वतंत्र गणराज्य के तौर पर मान्यता देने की तैयारी में है। अगर रूस ऐसा करता है तो दोनेत्स्क, लुहांस्क के बाद खेरसोन तीसरा इलाका होगा जिसे रूस स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देगा। इसके अलावा रूस 2015 में क्रीमिया को पहले कब्जे में कर चुका है।
इसी तरह ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने 4 मई को कहा था कि रूस के पास इजियम में करीब 22 बटालियन मौजूद हैं।बटालियन की तैनाती को देखते हुए इजियम से आगे बढ़ने के लिए रूस, क्रामटोर्स्क और सेवेरोडनेत्स्क शहरों पर कब्जा कर सकता है। इन शहरों पर कब्जा करने के बाद ,पूर्वोत्तर डोनबास पर रूसी सैन्य नियंत्रण मजबूत कर इस क्षेत्र से यूक्रेन की सेना को अलग-थलग करना चाहता है।
क्या रूस को रोक पाएगा फीनिक्स घोस्ट ड्रोन
ब्रेकिंग डिफेंस से मिली जानकारी के अनुसार फीनिक्स घोस्ट ड्रोन में यूक्रेन की जरूरतों के आधार पर कुछ बदलाव किया गया है। यह एक आत्मघाती ड्रोन है, यानी इसका इस्तेमाल सिंगल यूज में होता है। जो एक लक्ष्य पर हमला करने से पहले एक हवाई क्षेत्र के चारों ओर उड़ते हुए एक घूमने वाले हथियार की तरह व्यवहार करता है। साथ ही कमांड के जरिए हमला करता है। इसके अलावा इस्तेमाल के लिए ज्यादा ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं रहती है।
फीनिक्स घोस्ट स्विचब्लेड ड्रोन के समान है। जिसे यूक्रेन को पहले दिया जा चुका है। फीनिक्स घोस्ट एक कम लागत वाला, एकल-उपयोग वाला आत्मघाती ड्रोन है । जो कि बख्तर बंद गाड़ियों,टैंकों और लड़ाकू विमानों को तबाह करने की क्षमता रखता है। इसे आइवेक्स एयरोस्पेस ने अमेरिकी वायु सेना के साथ मिलकर तैयार किया है।
यूक्रेन के बेहद काम आए हैं ड्रोन
24 फरवरी को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। तो दोनों देशों की सैन्य क्षमता को देखकर यही लगता था कि रूस के आगे यूक्रेन कुछ दिनों में घुटने टेक देगा। ग्लोबल फॉयर पॉवर की रिपोर्ट के अनुसार रूस जहां रक्षा पर खर्च करने में तीसरा सबसे बड़ा देश है। वहीं यूक्रेन 20 वें नंबर है। इसी तरह हथियारों और दूसरे सैन्य संसाधनों में रूस, कहीं ज्यादा भारी पड़ता है। लेकिन जिस तरह यूक्रेन को नॉटो देशों का हथियारों की आपूर्ति का समर्थन मिला, उसने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। करीब 75 दिन से चल रहे इस युद्ध में रूस के हमले रोकने में ड्रोन का बड़ा हाथ रहा है। खास तौर से बेयरेकतार टीबी-2 ड्रोन, स्विचब्लेड ड्रोन ने रूस के टैंक और विमान को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में अब फीनिक्स घोस्ट ड्रोन वहीं काम पूर्वी यूक्रेन में कर सकता है।
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