बीजिंग: चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज इस जानलेवा वायरस के संक्रमण से मुक्त होने वाले लोगों के ब्लड प्लाजमा से किया जा रहा है। संक्रमित लोगों के इलाज के लिए अपनाए जा रहे इस तरीके के सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं। ये बात शुक्रवार को वुहान जिन्यिटान हॉस्पीटल के प्रेसिडेंट झांग डिग्यू ने कही।उन्होंने बताया कि जिन चार लोगों का इलाज बीमारी से उबरने वाले लोगों के ब्लड प्लाजमा से किया जा रहा है उनकी स्थिति में सुधार के अच्छे संकेत मिले हैं। जिसमें बेहतर मानसिक स्थित, खून में ऑक्सीजन की स्थिरता देखने को मिली है।
उन्होंने कहा कि हर तरह के इलाज में किसी न किसी तरह के जोखिम होते हैं। दूसरे व्यक्ति का प्लाजमा चढ़ाए जाने की वजह से प्लाजमा थैरिपी के दौरान एलर्जी या अन्य तरह की असामान्य चीजें मरीज में देखने को मिलती है। हालंकि गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज के लिए ये एक जरूरी विकल्प है जिसके नुक्सान से ज्यादा फायदे हैं।'
प्लाजमा थेरेपी में संबंधित बीमारी के संक्रमण से उबर चुके मरीज के खून से प्राप्त प्लाजमा से स्पेशल प्रोडक्ट बनाकर किया जाता है। इसकी भूमिका मेडिकल रिसर्च और इलाज दोनों में महत्वपूर्ण है। फिलहाल इस पद्धति का उपयोग गंभीर या अति गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में इलाज के दौरान कई तरह की असहज और असामान्य स्थितियां बनती हैं।
प्लाजमा डोनेशन सामान्य प्रक्रिया है
प्लाजमा डोनेशन एक सामान्य और प्रक्रिया है। जो मरीज हाल ही में बीमारी से उबर है प्लाजमा डोनेशन का उनपर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है। यदि मरीज सामान्य या उससे थोड़े ज्यादा बीमार है तो उस स्थिति में सामान्य प्लाजमा डोनेशन से ज्यादा ये कुछ नहीं है। सामान्य तौर पर बीमारी से उबरने के दो सप्ताह बाद ये सुनिश्चत करके दूसरे मरीज के शरीर में प्लाजमा चढ़ाया जाता है कि पहले के शरीर में वायरस नहीं है। जो लोग विशेषज्ञ हैं वो बीमारी से उबरने वाले लोगों से प्लाजमा डोनेट करने की अपील कर रहे हैं और उन्हें लगातार ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
1600 से ज्यादा लोग गंवा चुके हैं जान
पूरी दुनिया में तकरीबन 68, 584 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण में हैं। 510 संक्रमित वयक्ति चीन से बाहर हैं। तकरीबन 1,666 लोग अबतक इस जानलेवा वायरस की वजह से अपना जान गंवा चुके हैं। जबकि 9,419 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है लेकिन मृतकों की संख्या में लगातार और तेजी से इजाफा हो रहा है।