I2U2 Summit : भारत, इजरायल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात चार देशों के नए संगठन आई2यू2 का पहला सम्मेलन गुरुवार को होने जा रहा है। वर्चुअल होने वाली इस बैठक में चारों देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। भारत की तरफ से इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इजरायल के पीएम येर लेपिड, यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नहयान और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शरीक होंगे। कुछ समय पहले अमेरिका ने इस नए समूह की घोषणा की। इजरायल एवं यूएई मध्य एशिया के देश हैं। भारत और इजरायल के लिए आई 2 और अमेरिका एवं यूएई के लिए यू 2 का इस्तेमाल हुआ है। सम्मेलन की बैठक शाम साढ़े चार बजे होनी है।
एजेंडे में क्या हो सकता है
भूस्थानिक परिस्थतियों एवं मौजूदा वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए I2U2 की यह पहली बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इस वर्चुअल बैठक में आपसी हित सहित कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। जानकारों का मानना है कि बैठक में अमेरिका यूक्रेन संकट का मसला उठा सकता है। जबकि इस संकट को खत्म करने के लिए भारत लड़ाई पर तुरंत रोक लगाने एवं समस्या का हल बातचीत से करने पर जोर दे सकता है। इसके अलावा बैठक में ईरान को लेकर भी चर्चा हो सकती है। ईरान को लेकर अमेरिका एवं इजरायल दोनों चिंतित रहते हैं। भारत यह कह सकता है कि ईरान के साथ उसके सांस्कृतिक संबंध हैं। फिर भी वह इस देश से ज्यादा तेल नहीं खरीदेगा। बैठक में अफगानिस्तान, सीमा पार से आतंकवाद और ऊर्जा जैसे मुद्दों पर बातचीत हो सकती है।
क्या है सम्मेलन का उद्देश्य
I2U2 समूह का गठन इन चार देशों में आपसी सहयोग एवं एक दूसरे के यहां निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है। निवेश एवं सहयोग बढ़ाने के लिए जिन छह क्षेत्रों की पहचान की गई है उनमें जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा शामिल हैं। समूह के सभी देशों की चाहत अपनी बुनियादी संरचना, स्वास्थ्य एवं ऊर्जा के क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने की है। इस बैठक में देश संयुक्त परियोजनाओं पर चर्चा कर सकते हैं।
I2U2 summit: क्या है आई2यू2 समिट, भारत-अमेरिका, यूएई-इजरायल की नई युगलबंदी
क्या है I2U2
मन में सवाल उठ सकता है कि अचानक से यह समूह कहां से अस्तित्व में आ गया। तो यह समूह अचानक से अस्तित्व में नहीं आया है। दरअसल, इसका नाम थोड़ा सा बदल दिया गया है। अक्टूबर 2021 में पश्चिम एशिया क्वाड के बारे में चर्चा चली थी। अक्टूबर में हुए इस वर्चुअल समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित इन तीन देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए थे। उस समय औपचारिक रूप से इस समूह को वेस्ट एशिया क्वाड के रूप में मान्यता नहीं दी गई। इसका एक बड़ा कारण क्वाड नाम से चीन की चिढ़ हो सकती है।