नई दिल्ली: 27 जुलाई को फ्रांस से चले 5 राफेल लड़ाकू विमान करीब 7000 किलोमीटर का सफर करके 29 जुलाई को भारत में अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंच गए। अंबाला एयरबेस को देश में भारतीय वायुसेना का सामरिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण बेस माना जाता है क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान की सीमा करीब 220 किलोमीटर की दूरी पर है। वहीं चीन सीमा की दूरी 300 किलोमीटर है। राफेल के आ जाने से भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता और मजबूत हो गई है। ऐसे में हमारे दोनों पड़ोसी देशों में खलबली मची हुई है। दरअसल, पाकिस्तान में ये बैचेनी साफ देखी जा रही है। पाकिस्तान में राफेल को खूब सर्च किया जा रहा है।
गूगल ट्रेंडस से पता चलता है कि जबसे राफेल ने भारत के लिए फ्रांस से उड़ान भरी है, तब से पाकिस्तान में राफेल को खूब सर्च किया जा रहा है। जिस दिन राफेल भारत पहुंचा यानी 29 जुलाई को और आज भी राफेल को खूब सर्च किया जा रहा है।
पाकिस्तान के हर प्रांत में हो रहा सर्च
इतना ही नहीं पाकिस्तान में लोग राफेल की अपने लड़ाकू विमान एफ-16 से भी तुलना कर रहे हैं। इसके लिए राफेल की जेएफ थंडर से भी तुलना खूब सर्च की जा रही है। इस दौरान पाकिस्तान में अंबाला भी सर्च किया गया है। इससे पता चलता है कि राफेल के भारत आने से पाकिस्तान में बैचेनी बड़ी है। पाकिस्तान के हर प्रांत में राफेल सर्च किया जा रहा है। गिलकिट-बालटिस्तान, पीओके, बलूचिस्तान समेत इस्लामाबाद, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और पंजाब में भी राफेल को सर्च किया जा रहा है।
बैचेन हुआ पाकिस्तान
दुनिया के सर्वाधिक शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक राफेल के भारत पहुंचने से पाकिस्तान किस तरह खौफ में आ गया है उसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने राफेल को लेकर चिंता जताई है और वैश्विक समुदाय से गुहार लगाई है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, 'पाकिस्तान ने विश्व समुदाय से अपील की है कि वह भारत से हथियारों की प्रतिस्पर्धा को रोकने को कहे। राफेल जेट विमानों से दक्षिण एशिया में हथियारों की दौड़ हो सकती है। भारत अपनी वास्तविक सुरक्षा आवश्यकता से परे सैन्य क्षमताओं लगातार बढ़ा रहा है जो खतरा है। विश्व समुदाय भारत को हथियारों की दौड़ से दूर रखे।'