Britain New PM: ब्रिटेन के नए पीएम पद की रेस में भारतीय मूल के ऋषि सुनक सबसे आगे

दुनिया
रवि वैश्य
Updated Jul 10, 2022 | 11:09 IST

Ready For Rishi:ब्रिटेन में नए प्रधानमंत्री पद के लिए  भारतीय मूल के ऋषि सुनक रेस में सबसे आगे चल रहे हैं, सुनक ने अपना कैंपेन भी शुरू कर दिया है।

Rishi Sunak British pm race
भारतीय मूल के ऋषि सुनक नेतृत्व संभालने की दौड़ में सबसे आगे नजर आए 
मुख्य बातें
  • ऋषि सुनक नेतृत्व संभालने की दौड़ में सबसे आगे नजर आए
  • सुनक ने अपना कैंपेन Ready For Rishi भी शुरू कर दिया है
  • ऋषि सुनक सट्टेबाजों की पहली पसंद बनकर उभरे हैं

Britains New Prime Minister: ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता और देश का अगला प्रधानमंत्री (British PM Race) चुने जाने के लिए अपना अभियान औपचारिक रूप से शुरू करने वाले भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) नेतृत्व संभालने की दौड़ में शनिवार को सबसे आगे नजर आए। बहरहाल, इस दौड़ में कई अन्य नेता शामिल हो गए हैं।

42 वर्षीय सुनक इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं। हाउस ऑफ कॉमन्स में सत्ता पक्ष के नेता मार्क स्पेंसर, कंजर्वेटिव पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ओलिवर डाउडेन और पूर्व कैबिनेट मंत्री लियाम फॉक्स सहित कई वरिष्ठ टोरी सांसदों ने सार्वजनिक रूप से उनका समर्थन किया है।

सुनक के बाद ब्रिटेन के चांसलर बने इराकी मूल के नाधिम जहावी और परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने भी शनिवार को अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की।

कंजर्वेटिव पार्टी के एक बड़े समूह का मानना है कि सुनक विभाजित सत्तारूढ़ दल को एकजुट करने के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं और वह पूर्व चांसलर के रूप में ब्रिटेन के सामने खड़ी बड़ी आर्थिक चुनौतियों से निपटने में सबसे अधिक सक्षम हैं।

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ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वॉलेस ने खुद को इस दौड़ से बाहर किया

सुनक की स्थिति इसलिए और मजबूत हो गई है, क्योंकि कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद के संभावित दावेदारों में शामिल ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वॉलेस ने खुद को इस दौड़ से आधिकारिक तौर पर बाहर कर लिया है। अपने सोशल मीडिया अभियान 'रेडी4ऋषि' (Ready For Rishi) के उद्धाटन वीडियो में सुनक ने कहा, 'मैंने सबसे कठिन समय में, जब हम कोविड-19 के प्रकोप से जूझ रहे थे, सरकार में सबसे कठिन विभाग का संचालन किया।'

'Ready For Rishi'कैंपेन-सुनक का संदेश 

'रेडी4ऋषि' कैंपेन (Ready For Rishi Campaign) की वेबसाइट पर प्रकाशित सुनक के संदेश में कहा गया है, 'हमारा देश बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है, जो किसी पीढ़ी के लिए सबसे गंभीर हैं। किसी को इस संवेदनशील पल में मजबूत स्थिति में आगे आना है और सही निर्णय लेने हैं।' इस बीच, बोरिस जॉनसन के समर्थकों ने सुनक पर निवर्तमान प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके अभियान से जुड़ा वीडियो दर्शाता है कि वह लंबे समय से इस दिशा में काम कर रहे थे।

ऋषि सुनक सट्टेबाजों की पहली पसंद बनकर उभरे हैं

हालांकि, सुनक का खेमा दावा कर रहा है कि यह वीडियो जॉनसन का इस्तीफा सार्वजनिक होने के कुछ घंटे बाद तैयार किया गया था। इसमें सुनक भारतीय मूल की अपनी पारिवारिक विरासत और अपनी नानी के पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन आने की भावुक कहानी भी बयां करते नजर आ रहे हैं। वेबसाइट 'ऑड्सचेकर यूके' के मुताबिक, सुनक सट्टेबाजों की पहली पसंद बनकर उभरे हैं और विदेश मंत्री लिज ट्रूस व रक्षा मंत्री बेल वॉलेस जैसे अन्य संभावित दावेवारों पर भी खूब दांव लग रहे हैं। हालांकि, वॉलेस अब इस दौड़ से बाहर होने की घोषणा कर चुके हैं।

नाइजीरियाई मूल की पूर्व समानता मंत्री केमी बडेनोच अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करने वाली नवीनतम उम्मीदवार बनीं। वहीं, टोरी नेता स्टीव बेकर ने गोवा मूल की अटॉर्नी जनरल सुएला ब्रेवरमैन के प्रति समर्थन जताते हुए अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है। ब्रेवरमैन प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने का अपना इरादा जाहिर करने वाली शुरुआती नेताओं में से एक हैं।

टॉम तुगेंदत भी प्रधानमंत्री बनने की होड़ में शामिल हैं

यानी फिलहाल इस पद के छह दावेदार हैं और आने वाले दिनों में कुछ अन्य नेताओं के सामने आने से यह संख्या और बढ़ सकती है।जॉनसन का उत्तराधिकारी चुनने की प्रक्रिया काफी लंबी है और 10 डाउनिंग स्ट्रीट में उनकी जगह कब तक भरेगी, इसकी स्थिति अगले हफ्ते तक स्पष्ट होने की संभावना है।'द डेली टेलीग्राफ' के अनुसार, कंजेर्वेटिव पार्टी के नेता के चुनाव से जुड़े नियम और समयसीमा निर्धारित करने को लेकर 1922 की समिति के भीतर चिंताएं हैं, क्योंकि 16 उम्मीदवार दौड़ में शामिल होने पर विचार कर सकते हैं।

20 सांसदों का समर्थन जुटाने की प्रारंभिक सीमा तय की जा सकती है

अखबार के मुताबिक, ऐसे में कम गंभीर उम्मीदवारों को शुरुआती चरण में ही नेतृत्व की दौड़ से बाहर निकालने के लिए प्रत्येक प्रत्याशी के वास्ते 20 सांसदों का समर्थन जुटाने की प्रारंभिक सीमा तय की जा सकती है, जिसमें एक प्रस्तावक, एक समर्थक और 18 अन्य टोरी सांसद शामिल हैं। अखबार के अनुसार, पहले प्रत्येक दावेदार के लिए एक प्रस्तावक, एक समर्थक और आठ सांसदों सहित 10 सहयोगियों का समर्थन हासिल करने की सीमा तय किए जाने की संभावना थी।मसौदा योजना, जिस पर सोमवार को सहमति बन सकती है, उसके तहत नेतृत्व की दौड़ में शामिल उम्मीदवारों के लिए नामांकन दाखिल करने के वास्ते मंगलवार शाम तक की समयसीमा तय किए जाने की संभावना है। वहीं, सप्ताह के अंत में दूसरे दौर का मतदान कराने की योजना है, जिसमें अंतिम स्थान पर रहने वाला सांसद दौड़ से बाहर हो जाएगा।

बाकी उम्मीदवारों से पार्टी के सभी सांसद निजी तौर पर सवाल-जवाब करेंगे

इसके बाद 18 जुलाई के आसपास 1922 की एक प्रमुख समिति की बैठक होगी, जिसमें बाकी उम्मीदवारों से पार्टी के सभी सांसद निजी तौर पर सवाल-जवाब करेंगे।अंतिम दो उम्मीदवारों के चयन के लिए उस सप्ताह कई और दौर के मतदान हो सकते हैं। 21 जुलाई के आसपास दोनों उम्मीदवारों को लेकर तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।

इसके बाद दोनों उम्मीदवारों को चुनाव से गुजरना होगा, जिसमें कंजर्वेटिव पार्टी के लगभग दो लाख सदस्य मतदान करेंगे।हर दौर के मतदान में आगे बढ़ने के लिए प्रत्येक प्रत्याशी के लिए कम से कम 15 फीसदी टोरी सदस्यों का समर्थन हासिल करना अनिवार्य होगा। पांच सितंबर तक पार्टी के नए नेता के चयन की प्रक्रिया पूरी हो जाने की उम्मीद है।

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