Ukraine Crsis : यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों और रूस के बीच कूटनीतिक वार जारी है। अब रूस ने बड़ा कदम उठाया है। रूस ने बुधवार को कहा कि वह जवाबी कार्रवाई करते हुए जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा एवं उनके कैबिनेट के मंत्रियों के अपने यहां प्रवेश पर रोक लगाएगा। रूस का कहना है कि यूक्रेन युद्ध में जापान की जिस तरह से प्रतिक्रिया रही है, उसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है। जापान के नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की यह घोषणा रूस के विदेश मंत्रालय की ओर से की गई है। बता दें कि जापान ने यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी आलोचना की है।
जापान के 63 नागरिकों को निशाना बनाया
रूसी विदेश मंत्रालय के इस बैन में जापान के 63 नागरिकों को निशाना बनाया गया है। जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं उनमें जापान के विदेश मंत्री योशीमासा हयासी, रक्षा मंत्री नोबुओ किसी और मुख्य कैबिनेट सचिव हीरोकाजू मात्सूनो शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि जापान की तरफ से मास्को के खिलाफ लगातार 'गलत प्रोपगैंडा' चलाया जा रहा है। बैन की इस सूची में जापान के मीडिया संस्थानों के अधिकारी एवं यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स भी शामिल हैं।
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जापान के आठ राजनयिकों को पहले ही हो चुके हैं निष्कासित
बता दें कि रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा करने वालों में जापान भी प्रमुख देश है। रूस के खिलाफ अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा सहित यूरोप के कई देशों ने आर्थिक एवं कूटनीतिक प्रतिबंधों की घोषणा की है। इन देशों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एवं उनके सहयोगियों की संपत्तियां भी जब्त हुई हैं। इससे पहले गत अप्रैल में रूस ने जापान के आठ राजनयिकों को देश से निष्कासित करने का फरमान सुनाया जिस पर टोक्यो ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उसने आपसी संबंधों को पटरी से उतारने के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया। रूस ने कहा कि जापान के आठ राजनयिक 10 मई तक उसका देश छोड़ दें।