Russia Ukraine war: रूस यूक्रेन वार के 200 दिन से ऊपर हो चुके हैं। यूक्रेन के कई शहर रूसी बमबारी में बर्बाद हो चुके हैं। दोनों तरफ से हजारों सैनिकों की मौत हो चुकी है। अभी तक जहां रूस लगातार यूक्रेन पर बढ़त बनाए हुए था, वहीं अब यूक्रेन ने पश्चिमी देशों के हथियारों की सहायता से वापसी करना शुरू कर दिया है। जिसके बाद से आशंका जताई जा रही है पुतिन हमले में और तेजी ला सकते हैं।
यूक्रेन का दावा
यूक्रेन के उत्तर-पूर्व में रूस को हार का सामने करना पड़ा है। यूक्रेनी सेना के हमले के बाद रूसी सैनिकों को वापस लौटना पड़ा है। यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने हजारों किलोमीटर का एरिया रूस से वापस छीन लिया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने इज़ियम से अपने सैनिकों की वापसी की पुष्टि की है।
अब क्या करेंगे पुतिन
यूक्रेन की बढ़त उन हथियारों की वजह से है जो उसे अमेरिका समेत पश्चिमी देशों से मिल रहा है। इन हथियारों की मदद के लिए पुतिन कई बार पश्चिमी देशों को चेतावनी दे चुके हैं। साथ ही इशारों ही इशारों में परमाणु हमले की धमकी भी दे चुके हैं। अब पुतिन एक बार फिर यूक्रेन पर तेजी से आक्रमण कर सकते हैं, जिसके संकेत यूक्रेन की सीमा पर मिलना शुरू भी हो गया है। रूस ने हवाई, रॉकेट और तोपों से हमले को बढ़ा दिया है। इससे रूस के सैनिक भी बच जाते हैं और यूक्रेनी सैनिकों को निशाना भी बनाना आसान है।
ये हैं रास्ते
रूस के पास सबसे ज्यादा परेशानी सैनिकों की कमी की है। हालांकि उसके पास रिजर्व में सैनिक हैं, जिसका वो उपयोग कर सकती है। लेकिन इसका कम ही चांस है। साथ ही पुतिन यूक्रेन के साथ-साथ बाकी मोर्चों पर भी नजर गड़ाए हुए हैं। उनकी नजर उस यूरोप पर है, जहां इस युद्ध के कारण उर्जा संकट पैदा हो रखा है। यूरोप की एकता पर खतरा मंडरा रहा है। अगर यूरोप में कुछ होता है, जिसकी संभावना है तो यूक्रेन को पश्चिमी देशों से वैसी मदद नहीं मिल पाएगी, जैसी अभी मिल रही है।
वहीं पुतिन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की है। इस मुलाकात को लेकर कहा जा रहा है कि चीन इस जंग में रूस को और मदद दे सकता है।
सुखोई 35 को उतारा मैदान में
रूसी सैनिकों को हाल ही में सुखोई 35 का एक और बैच मिल गया है। इन लड़ाकू विमानों का भी इस्तेमाल यूक्रेन पर हमले के लिए किया जा सकता है।