कीव : रूस से जारी जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का बड़ा बयान सामने आया है। रविवार को उन्होंने कहा कि वह अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर वे समाधान तलाशने में विफल होते हैं तो इसका नतीजा तीसरे विश्वयुद्ध के रूप में सामने आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत के बिना इस युद्ध को समाप्त नहीं किया जा सकता।
CNN से बातचीत में जेलेंस्की ने कहा, 'मैं उनके (पुतिन) साथ बातचीत के लिए तैयार हूं। मैं पिछले दो वर्षों से इसके लिए तैयार था और मुझे लगता है कि बातचीत के बिना हम इस युद्ध को समाप्त नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि बातचीत, पुतिन से बातचीत की संभावना के लिए हमें किसी भी प्रारूप, किसी भी मौके का उपयोग करना होगा। लेकिन अगर ये प्रयास विफल हो जाते हैं तो इसका अर्थ तीसरा विश्व युद्ध होगा।'
जेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई को 25 दिन हो गए हैं और दोनों देशों के बीच जंग कहीं से भी थमता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच रूस द्वारा यूक्रेन के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए दूसरी बार लंबी दूरी की हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। शनिवार को एक वीडियो संदेश में उनहोंने कहा था कि वह रूस से बिना देरी किए बातचीत का आह्वान करते हैं, अन्यथा उसे भारी कीमत चुकानी होगी।
उन्होंने कहा था, 'हमने हमेशा बातचीत पर जोर दिया है। हमने हमेशा बातचीत की पेशकश की है, शांति के लिए समाधान की पेशकश की है और मैं चाहता हूं कि हर कोई अब मेरी बात सुने, खासकर मास्को में। यह मिलने का समय है। बात करने का समय है। यह यूक्रेन के लिए क्षेत्रीय अखंडता और न्याय को बहाल करने का समय है।' इससे पहले उन्होंने कहा था कि बातचीत को लेकर उनकी प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं : 'युद्ध की समाप्ति, सुरक्षा गारंटी, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता की बहाली, हमारे देश के लिए वास्तविक गारंटी, हमारे देश के लिए वास्तविक सुरक्षा।'
पुतिन से बात करना चाहते हैं जेलेंस्की, इजरायल से की ये अपील
यूक्रेन के राष्ट्रपति इससे पहले भी इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की मध्यस्थता में व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत की पेशकश कर चुके हैं। रूस-यूक्रेन जंग के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री ने रूस का दौरा भी किया था, जहां उनकी पुतिन के साथ लंबी बातचीत हुई। बाद में उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति से भी इस मसले पर लंबी बातचीत की थी, जिसे समाधान तलाशने की एक कोशिश के तौर पर देखा गया।