रूसी सरकार ने उन देशों और क्षेत्रों की सूची को मंजूरी दी जिनका रूस के मित्रतापूर्ण संबंध नहीं हैं और उन्होंने यूक्रेन में रूसी सशस्त्र बलों के एक विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत के बाद रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं। सूची में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा, यूरोपीय संघ के राज्य, यूके (जर्सी, एंगुइला, ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह, जिब्राल्टर सहित), यूक्रेन, मोंटेनेग्रो, स्विट्जरलैंड, अल्बानिया, अंडोरा, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, मोनाको, नॉर्वे, सैन मैरिनो, उत्तर मैसेडोनिया, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, माइक्रोनेशिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ताइवान भी शामिल हैं। रूसी नागरिकों और कंपनियों को "अमित्र" विदेशी संस्थाओं से निपटने के लिए एक विशेष परमिट के लिए आवेदन करना होगा।
वहीं ब्रिटेन के सांसद रूस पर प्रतिबंधों को सख्त करने और ब्रिटिश अर्थव्यवस्था से कमाए गए धन का संपूर्ण विवरण मांगने और उसपर नियंत्रण करने के उद्देश्य से सोमवार को एक विधेयक पारित करने की तैयारी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि आर्थिक अपराध विधेयक ब्रिटिश अधिकारियों को कानून के पूर्ण समर्थन के साथ, संदेह या कानूनी चुनौती से परे ब्रिटेन में पुतिन के सहयोगियों (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) तक पहुंच उपलब्ध कराएगा।
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'रूसी आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया'
जॉनसन ने बार-बार दावा किया है कि यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर पुतिन को दंडित करने के लिए ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है। ब्रिटेन ने कई रूसी बैंकों और व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाए हैं, सरकार का कहना है कि 250 अरब पाउंड (33 करोड़ डॉलर) से अधिक की रूसी आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया है। अब तक यद्यपि उसने ब्रिटेन में क्रेमलिन से संबंधित मुट्ठी भर लोगों की संपत्ति पर ही प्रतिबंध लगाया है जो यूरोपीय संघ या अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित ऐसे लोगों के मुकाबले काफी कम है।
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रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नया कानून लाएगा न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार जल्द एक नया कानून लाने की योजना बना रही है, जो देश को यूक्रेन पर आक्रमण करने वाले रूस के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की अनुमति देगा। न्यूजीलैंड के मौजूदा कानून उसे सार्थक प्रतिबंध लागू करने की अनुमति नहीं देते हैं, जब तक कि वे संयुक्त राष्ट्र के व्यापक प्रयास का हिस्सा न हों। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के व्यापक प्रयास अभी तक साकार नहीं हो पा रहे हैं, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के पास वीटो शक्ति है। इस कारण न्यूजीलैंड अभी तक रूस के खिलाफ सीमित कार्रवाई ही कर पाया है।
(भाषा के इनपुट के साथ)