सऊदी अरब में बदलाव की एक और पहल, मक्का मस्जिद में पहली बार तैनात हुईं महिला सुरक्षाकर्मी

सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की योजना देश को आधुनिक बनाने की है। इस पर वह काफी जोर दे रहे हैं। इसके लिए उन्होंने बीते समय में कई सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव किए हैं।

Saudi Arab : first time women stand guard in Mecca during haj
मक्का मस्जिद की सुरक्षा में महिला सुरक्षाकर्मी। तस्वीर- Saudi Ministry of Interior 

मक्का : पिछले कुछ सालों में सऊदी अरब के समाज में बदलाव देखने को मिला है। खासकर इस देश में महिला को ज्यादा अधिकार दिए जा रहे हैं। अब पवित्र स्थल मक्का की सुरक्षा में महिला सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। यह पहली बार है जब सऊदी सरकार ने मक्का मस्जिद की सुरक्षा में महिला सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। यहां तैनात महिला सुरक्षाकर्मी हज करने पहुंचे तीर्थयात्रियों की मदद कर रही हैं। 

दर्जनों महिलाएं सुरक्षा दस्ते में शामिल हुईं
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक गत अप्रैल महीने से महिला सुरक्षा के इस दस्ते में दर्जनों महिलाएं शामिल हुई हैं। अब ये महिलाएं इस्लाम के अहम स्थलों मक्का एवं मदीना में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा में तैनात हुई हैं। इन्हीं में से एक मोना का कहना कि वह अपने दिवंगत पिता की प्रेरणा से इस बल में शामिल हुईं।

ग्रैंड मस्जिद की सुरक्षा में तैनात हैं मोना
खाकी यूनिफॉर्म, जैकेट और काली टोपी पहने मोना मक्का में तैनात हैं। वह मक्का की ग्रैंड मस्जिद के चारों तरफ सुरक्षा का ध्यान रखती हैं। अपना पारिवारिक नाम बताने से इंकार करते हुए मोना ने कहा, 'मैं सबसे पवित्र स्थल मक्का में तैनात होकर अपने दिवंगत पिता की अधूरे सपने को पूरा कर रही हूं। हज यात्रियों की सेवा करना अत्यंत ही सम्मानजनक काम है।' 

सऊदी प्रिंस ने किए हैं कई बदलाव
सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की योजना देश को आधुनिक बनाने की है। इस पर वह काफी जोर दे रहे हैं। इसके लिए उन्होंने बीते समय में कई सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव किए हैं। सलमान सऊदी अरब के बारे में प्रचलित सोच के बारे में बदलाव चाहते हैं। उन्होंने विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए लीक से हटकर फैसले भी किए हैं। 

महिला एक्टिविस्टों पर कार्रवाई भी
अपने 'विजन 2030' के तहत सऊदी प्रिंस ने महिलाओं के वाहन चलाने पर लगे प्रतिबंध को  हटाया। वयस्क महिलाओं को अपने अभिभावकों की अनुमति के बगैर यात्रा करने की इजाजत दी और परिवारिक मामलों में महिलाओं को ज्यादा अधिकार दिए। साथ ही राजशाही ने महिला अधिकार के पक्ष में आवाज उठाने वाली महिला एक्टिविस्टों पर कार्रवाई भी की है। 


 

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