सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का कहना है कि उन्हें इस बात की तनिक परवाह नहीं है यदि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन गलत तरह से समझते हों। अमेरिकी नेतृत्व को अपने बारे में सोचना चाहिए।दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातकों में से एक मोहम्मद बिन सलमान को एमबीएस नाम से भी जाना जाता है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए वो कहते हैं कि अमेरिका को सऊदी अरब के आंतरिक मामलों में दखल देने से बाज आना चाहिए।
अमेरिका की खुली आलोचना
एमबीएस ने कहा कि जिस तरह से हमें अमेरिका में आकर लेक्चर देने का कोई अधिकार नहीं है ठीक वैसे ही सऊदी अरब में भी होना चाहिए। बता दें कि ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्तों में गर्मी अधिक थी। लेकिन बाइडेन काल में मानवाधिकारों के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ी है।
बिडेन प्रशासन से तल्खी बढ़ी
बिडेन के प्रशासन ने सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 की हत्या में क्राउन प्रिंस को शामिल करते हुए एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट जारी की, जिसे एमबीएस ने इनकार किया, और राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए दबाव डाला।प्रिंस मोहम्मद ने अटलांटिक को बताया कि रियाद का उद्देश्य अमेरिका के साथ अपने "लंबे, ऐतिहासिक" संबंधों को बनाए रखना और मजबूत करना है।