चर्चा में क्यों आया सऊदी अरब का हिमा? 3000 साल पुराने कुंए में आज भी पीने लायक पानी

Hima : यूनेस्को ने सऊदी अरब के हिमा क्षेत्र को वैश्विक धरोहर सूची में शामिल किया है। इस क्षेत्र के कुएं 3000 साल पुराने हैं। बताया जा रहा है कि इन कुओं में जो पानी है वह अब भी पीने लायक है।

 Saudi Arabia's Hima now in UNESCO World Heritage list
सऊदी अरब का हिमा क्षेत्र वैश्विक धरोहर सूची में शामिल। तस्वीर-यूनेस्को 
मुख्य बातें
  • सऊदी अरब का हिमा क्षेत्र वैश्विक धरोहर की सूची में शामिल हुआ है
  • शिलालेखों पर प्राचीन भाषाओं में इबारतें लिखी गई हैं एवं प्रतीक चिह्न बने हैं
  • माना जा रहा है कि अब दुनिया भर से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आएंगे

सऊदी अरब का हिमा सुर्खियों में है। दरअसल, यूनेस्को ने यहां के पत्थरों पर उकेरी गईं प्राचीन प्रतीक चिन्हों एवं इबारतों को वैश्विक धरोहर सूची में शामिल किया है। यूनस्को की वैश्विक धरोहर की सूची में शामिल होने वाली हिमा सऊदी अरब की छठवीं जगह है। देश के संस्कृति मंत्री प्रिंस बद्र बिन अब्दुल्ला बिन फरहान ने कहा है कि 'सऊदी अरब के पास मानव सभ्यता की एक समृद्ध वैश्विक धरोहर है। इस जगह को दुनिया के सामने लाने के लिए जो प्रयास हुए हैं वे अब जाकर सफल हुए हैं।'

कारोबार एवं हज यात्रा का प्रमुख मार्ग रहा है 
पश्चिमी नाजरान क्षेत्र में स्थित हिमा कारोबार एवं हज यात्रा के लिए एक अहम मार्ग रहा है। सऊदी अरब के दक्षिणी इलाके एवं मेसोपोटामिया, लेवंट एवं मिस्र के लोगों द्वारा इस मार्ग का इस्तेमाल होता रहा है। यात्रा के दौरान लोगों का कारवां एवं काफिला इस क्षेत्र में ठहरता था। इस दौरान हिमा क्षेत्र के इन पत्थरों पर लोगों ने कलाकृतियां बनाईं, वन्यजीव, पौधों, हथियार एवं औजारों की तस्वीरें उकेरीं। पत्थरों पर प्राचीन अरब लिपि मुस्नाद, थामुदिक, नबाताइएन और अरबी लिपि के प्राचीन स्वरूप मिलते हैं। 

(तस्वीर-सऊदी अरब हेरिटेज कमीशन)

3000 साल पुराने हैं कुएं में अभी भी पीने लायक पानी 
यहां मिले कुएं के बारे में कहा जा रहा है कि ये नाजरान क्षेत्र के लोगों के लिए शुद्ध पेय जल का एक प्रमुख जरिया थे। ये कुंए 3,000 साल पुराने हैं, इन कुओं में में आज भी पीने लायक पानी उपलब्ध है। धरोहर आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर जसीर अल-हरबिश का कहना है, 'हिमा क्षेत्र को वैश्विक धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर हम काफी रोमांचित हैं। यह क्षेत्र वैश्विक महत्व का है, यह हमें प्राचीन समय के जीवन एवं संस्कृति के बारे में हमें अहम जानकारी उपलब्ध कराता है।'

(तस्वीर-सऊदी अरब हेरिटेज कमीशन)

दुनिया भर से पर्यटकों के आने की उम्मीद
उन्होंने कहा, 'हम इलाके को संरक्षित करने के लिए कदम उठा रहे हैं। पत्थरों पर लिखे हुए संदेशों के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए हम शोध कार्य भी कर रहे हैं।' अधिकारी ने बताया कि हिमा के अब वैश्विक धरोहर की सूची में शामिल हो जाने के बाद दुनिया भर से पर्यटकों के यहां आने की उम्मीद है। अपनी धरोहरों के संरक्षण एवं विकास पर सऊदी अरब विशेष रूप से ध्यान दे रहा है। 'किंगडम विजन 2030' में देश की सांस्कृतिक विरासत एवं धरोहरों के संरक्षण पर विशेष जोर है।  
 

अगली खबर