'महामारी के स्रोत का सटीक पता लगाना उतना ही मुश्किल है जितना कि विमान हादसे के बारे में'

दुनिया
आईएएनएस
Updated Jun 11, 2020 | 06:48 IST

Covid-19 infection: वैज्ञानिकों का मानना है कि कोविड-19 नए तरह का वायरस है। इसकी उत्पति कहां से हुई इसके बारे में पता लगा पाना काफी मुश्किल है। इस बारे में गहन अध्ययन किए जाने की जरूरत है।

Scientists say it is very difficult to trace source of any pandemic like Covid-19
आरोप है कि कोविड-19 वायरस चीन के लैब से फैला।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • अमेरिका का आरोप है कि कोविड-19 वायरस चीन के लैब से फैला
  • चीन ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताकर खारिज किया है
  • वायरस कृत्रिम रूप से लैब में तैयार किए जाने का भी दावा

बीजिंग : जब से कोविड-19 की महामारी फैलनी शुरू हुई है, तभी से अमेरिका जैसे कुछ देश वायरस के स्रोत को लेकर तमाम अफवाहें फैला रहे हैं। जैसे-जैसे वायरस का प्रकोप बढ़ता गया इन देशों ने अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिये चीन पर आरोप तेज कर दिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो बार-बार कहते रहे हैं कि वायरस वूहान की लैब में तैयार किया गया है। इस सबके बीच तमाम वैज्ञानिक व शोधकर्ता कह चुके हैं कि वायरस कहां से निकला इसे स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है। इस बारे में गहन वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है। कई विशेषज्ञ इस बात को खारिज कर चुके हैं कि वायरस कृत्रिम रूप से लैब में तैयार किया गया।

अमेरिका में लाखों लोग कोविड-19 से प्रभावित 
गौरतलब है कि अमेरिका में लाखों लोग कोविड-19 से प्रभावित हो चुके हैं, जबकि मरने वालों की संख्या भी एक लाख दस हजार से अधिक हो गयी है। अमेरिकी नागरिक लगातार सरकार से उसकी नाकामी को लेकर सवाल पूछ रहे हैं। लेकिन ट्रंप व उनके सहयोगी अपने को बचाने के लिए चीन का नाम लेते हैं। यहां तक कि वे वैज्ञानिक तर्को को भी दरकिनार करते हैं। यही वजह है कि चीन द्वारा समय पर सूचित किए जाने के बावजूद अमेरिका ने उचित कदम नहीं उठाए। जिसका नतीजा आज हमारे सामने है।

'वैज्ञानिक भी नहीं जानते कि वायरस लैब में तैयार हुआ'
इस बीच अमेरिका के प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट पीटर डासजाक ने भी जोर देते हुए कहा है कि वैज्ञानिक भी नहीं जानते कि वायरस लैब में तैयार हुआ। इस संबंध में षड्यंत्र का विचार छोड़ने की जरूरत है। इससे साफ हो जाता है कि शोधकर्ता इस मामले पर गंभीर हैं, लेकिन कुछ पश्चिमी नेता चीन को बेवजह घेरने में लगे हुए हैं। शायद इसका एक कारण अमेरिका में नवंबर में होने वाले चुनाव भी हैं, क्योंकि वहां के लीडर मतदाताओं को रिझाने के लिए तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। इनमें चीन पर आरोप लगाना भी शामिल है।

कोविड-19 नया वायरस
वैज्ञानिक कह रहे हैं कि महामारी के स्रोत का सटीक पता लगाना उतना ही मुश्किल है जितना कि विमान हादसे के बारे में संपूर्ण जानकारी जुटाना। जैसा कि हम जानते हैं कि यह एक नया वायरस है, इसकी प्रकृति व अन्य प्रभावों के बारे में तमाम सच्चाई जानने में काफी वक्त लग सकता है। अब वक्त आ गया है कि अमेरिकी नेताओं को राजनीति छोड़ वैज्ञानिक तर्कों पर भरोसा करते हुए चीन पर आरोप लगाने बंद करने चाहिए।


 

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