वाशिंगटन : कोरोना वायरस संक्रमण की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से एक बार फिर नए सिरे से जांच शुरू करने के लिए कहा है। डब्ल्यूएचओ से यह मांग करने वालों में अमेरिका भी शामिल है, जो इस संक्रामक वायरस को लेकर चीन की भूमिका पर शुरू से सवाल करता आ रहा है। अमेरिका ने एक बार फिर जोर देकर कहा है कि डब्ल्यूएचओ को बिना देरी इसे लेकर नए सिरे से जांच शुरू करनी चाहिए कि दुनिया को भीषण स्वास्थ्य संकट में झोंक देने वाला यह वायरस आखिर कहां से आया?
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, 'हम डब्ल्यूएचओ से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि इस अध्ययन का दूसरा चरण बिना किसी देरी के शुरू हो। यह जांच विशेषज्ञों द्वारा की जाए और इसमें पारदर्शिता व खुलापन सुनिश्चित हो। यह जांच राजनीतिक सहित किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से मुक्त है।'
अमेरिकी विदेश मंत्रालय का यह बयान बीते दिनों डब्ल्यूएचओ की उस जांच ड्राफ्ट रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें 34 विशेषज्ञों की एक टीम ने चीन के वुहान में 14 दिनों की जांच के बाद कहा कि फिलहाल वायरस के स्रोत की जानकारी नहीं मिल पाई है और इस दिशा में और विस्तृत जांच किए जाने की आवश्यकता है।
अब अमेरिका की प्रतिक्रिया इन्हीं संदर्भों में आई है, जिसमें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में महत्वूपर्ण आंकड़ों, सूचनाओं की कमी है और यह आंशिक तथा अपूर्ण नजर आता है। यह सिर्फ अमेरिका का नजरिया नहीं है, बल्कि कई अन्य देशों ने भी कोरोना वायरस संक्रमण की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए हुई डब्ल्यूएचओ की जांच रिपोर्ट को लेकर इसी तरह की बात कही है।
इस बीच विशेषज्ञों की एक टीम ने भी कोरोना वायरस संक्रमण की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए नए सिरे से जांच शुरू करने का आह्वान डब्ल्यूएचओ से किया है। यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान के 24 विशेषज्ञों ने इसे लेकर एक खुला पत्र लिखा है, जिन्होंने इस संक्रामक वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए एक 'व्यापक जांच' पर जोर दिया है।