Shanghai Lockdown : चीन में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने लगी है। इसे देखते हुए प्रमुख वाणिज्यिक शहर शंघाई में कोविड प्रतिबंधों में थोड़ी ढील दी गई है। इससे लोगों ने थोड़ी राहत महसूस की है। खाली सड़कों पर थोड़ी चहल पहल देखने को मिली। क्वरंटाइन सेंटर से थोड़ी देर के लिए छोड़े गए लोग सड़क किनारे अपनी हजामत एवं मसाज कराते दिखे। बता दें कि इस शहर पर करीब दो महीनों तक सख्त प्रतिबंध लागू रहे हैं। वहीं, कोरोना के मामलों में कमी आने के बावजूद राजधानी बीजिंग में प्रतिबंधों में ढील नहीं दी जा रही है।
बुधवार से मिलेगी प्रतिबंधों में ढील
शंघाई में कोरोना के मामलों में आई कमी को देखते हुए अधिकारियों ने बुधवार से प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की है। लोग अब पहले से ज्यादा अपने घरों से बाहर निकल सकेंगे और दुकानें खुल सकेंगी। हालांकि, अभी भी बड़ी संख्या में लोगों को उनके घरों में कैद रखा गया है और दुकानों को घर पर सामान पहुंचाने की इजाजत दी गई है।
सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने के निर्देश
शंघाई म्यूनिसिपल हेल्थ कमीशन के डेप्युटी डाइरेक्टर झाओ डंडान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'सार्वजनिक जगहों पर लोगों को मास्क पहनने की जरूरत है। एक जगह पर ज्यादा भीड़ न हो और लोग सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करें।' प्रतिबंधों में थोड़ी ढील मिलने पर लोग शुक्रवार रात लोग शहर के मध्य इलाके की सड़कों पर पार्टी करते हुए दिखे, इसमें विदेशी लोग भी शामिल थे। हालांकि, बाद में वहां पहुंची पुलिस ने उन्हें घर जाने को कहा।
शहर में दो महीने तक सख्त लॉकडाउन
शंघाई शहर करीब दो महीने तक लॉकडाउन में रहा है। यह चीन का सबसे बड़ा शहर है। यहां अलग-अलग पेशे और समुदाय के लोग रहते हैं। इन दो महीनों के प्रतिबंधों से वह निराश हो चुके हैं। हजारों लोगों को अभी भी भीड़भाड़ वाले क्वरंटाइन सेंटर्स में रखा गया है। प्रतिबंधों की शुरुआत में लोग खाने-पीने की वस्तुओं एवं दवाओं के लिए संघर्ष करते दिखे। लोगों की परेशानी एवं स्वास्थ्यकर्मियों की प्रताड़ना के कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए।
चीन की अर्थव्यवस्था पर असर
कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए चीन के कड़े प्रतिबंधों का असर उसकी अर्थव्यवस्था एवं खाद्य आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ा है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की यह हालत देखकर निवेशक चिंतित है। चीन से दुनिया के कई हिस्सों में कच्चे माल की आपूर्ति नहीं हो पाई है। इससे वैश्विक आपूर्ति की पूरी श्रृंखला डगमगा गई है।