इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि इस्लामाबाद क्षेत्रीय स्तर पर अपनी भू-अर्थशास्त्र रणनीति के लिए साझेदारी बनाना चाहता है, जिसमें स्पष्ट रूप से नई दिल्ली शामिल है। तुर्की की समाचार एजेंसी के साथ साथ अपनी तीन दिवसीय यात्रा से पहले एक साक्षात्कार के दौरान शहबाज शरीफ ने भारत के साथ व्यापार को लेकर एक सवाल का जवाब दिया था। शहबाज शरीफ मंगलवार को यात्रा के लिए तुर्की पहुंचे।
शहबाज ने कहा कि भू-रणनीति से भू-अर्थशास्त्र की तरफ बदल रहे परिवेश में पाकिस्तान, विशेष रूप से क्षेत्र के भीतर, कनेक्टिविटी के आधार पर साझेदारी बनाना चाहता है। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान और भारत को पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार से बहुत कुछ हासिल करना है। हम उस आर्थिक लाभांश से परिचित हैं जो भारत के साथ एक स्वस्थ व्यापार गतिविधि से अर्जित किया जा सकता है।'
गौरतलब है कि अप्रैल की शुरुआत में पाकिस्तान में सत्ता में आने के बाद शहबाज शरीफ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों और सभी लंबित मुद्दों के समाधान की इच्छा व्यक्त की थी।उनका यह बयान तब आया जब पीएम मोदी ने नवनिर्वाचित पाकिस्तानी समकक्ष को बधाई दी थी। शरीफ ने अपने जवाब में पीएम मोदी को बधाई देने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि उनका देश भारत के साथ शांतिपूर्ण और सहयोगी संबंध चाहता है।
पाखंडी हैं इमरान खान, लीक वार्ता का हवाला दे पीएम शहबाज शरीफ ने साधा निशाना
शरीफ ने शपथ लेने के बाद नेशनल असेंबली में अपने पहले संबोधन में कहा था, 'हम भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन जब तक कश्मीर विवाद का समाधान नहीं हो जाता तब तक स्थायी शांति संभव नहीं है।' भारत और पाकिस्तान ने मंगलवार को स्थायी सिंधु आयोग की 31 मार्च, 2022 को समाप्त होने वाली वार्षिक रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया और उस पर हस्ताक्षर किए। सिंधु जल संधि दोनों देशों के बीच युद्ध और द्विपक्षीय संबंधों में ठहराव से बची हुई है।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में उरी, पठानकोट और पुलवामा आतंकी हमलों के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हो चल रहे हैं। भारत ने पाकिस्तान को दो टूक कहा था कि बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते।
इमरान खान को लेकर ऑडियो लीक से बड़ा खुलासा, PPP के आसिफ अली जरदारी से दोस्ती करना चाहते थे पूर्व PM