सियोल : दक्षिण कोरिया में मृत्यु दर का संकट गहराता दिख रहा है। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि बीते एक साल में जन्म लेने वाले बच्चों से ज्यादा मरने वाले लोगों की संख्या अधिक हो गई है। इस आंकड़े ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। यह देश पहले से ही बुजुर्गों की बढ़ती आबादी से परेशान है। जन्म और मृत्यु के इस आंकड़े ने दक्षिण कोरिया में जन्म दर बढ़ाने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है।
दक्षिण कोरिया में है जनसंख्या का असंतुलन
दक्षिण कोरिया लंबे अरसे से जनसंख्या असंतुलन के दौर से गुजर रहा है। देश की औसत जन्मदर लगातार गिरते हुए अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। दक्षिण कोरिया की जन्मदर दुनिया के सर्वाधिक निम्न जन्मदरों में से एक है। इस बीच, यहां की जनसंख्या लगातार बूढ़ी हो रही है जिससे जनसांख्यकीय असंतुलन बढ़ गया है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को जनसंख्या के जो आंकड़े जारी किए वे काफी चिंताजनक हैं।
जनसंख्या के आए आंकड़े
सरकार ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक पिछले साल देश में 307,764 लोगों की मौत हुई जबकि इस दौरान केवल 275,815 बच्चों ने जन्म लिया। बीते एक साल में देश में जन्मदर में 3.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। सरकार ने अपने बयान में कहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मृत्यु दर का आंकड़ा जन्म दर के आंकड़े को पार कर गया है। यही नहीं पहली बार देश की कुल आबादी में भी गिरावट दर्ज की गई है।
देश में तेजी से बूढ़ी हो रही आबादी
रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया में लोगों की उम्र तेजी से बढ़ रही है। जनसंख्या के आंकड़े के मुताबिक देश की 32 प्रतिशत आबादी 40-50 साल के बीच है और एक तिहाई जनसंख्या 60 साल से अधिक है। सरकार के बयान के अनुसार जन्म दर में लगातार गिरावट यह बताता है कि कोरिया में बच्चे पैदा करना लोगों के बीच एक अहम मुद्दा है। इसे देखते हुए सरकार को अपनी वेलफेयर, शिक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे अहम नीतियों में बदलाव करने की जरूरत है।
कोरोना से होने वाली मौतों का जिक्र नहीं
सरकार के इस आंकड़े में पिछले साल कोविड-19 से होने वाली मौतों का जिक्र नहीं किया गया है। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की मानें तो दक्षिण कोरिया में इस महामारी से अब तक 981 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, देश के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना महामारी से मौत का आकंड़ा कहीं ज्यादा हो सकता है।