कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने वरिष्ठ नेता दिनेश गुणवर्धने को शुक्रवार को श्रीलंका का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करने के एक दिन बाद शुक्रवार को अपने कार्यकाल के पहले दिन यह पहली नियुक्ति की। गुणवर्धने (73) को अप्रैल में, पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यकाल के दौरान गृह मंत्री बनाया गया था। वह विदेश मंत्री और शिक्षा मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। तो वहीं
सुरक्षा बलों ने शुक्रवार तड़के कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के मुख्य शिविर पर कार्रवाई की और नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कई लोग घायल
सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कई लोग घायल भी हो गए। गोटबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बावजूद प्रदर्शनकारी इस संवेदनशील इलाके में डेरा डाले हुए थे। विक्रमसिंघे (73) के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री पद खाली हो गया था। छह बार प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे ने बृहस्पतिवार को देश के आठवें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण की थी।
949 में जन्मे गुणवर्धने एमईपी के नेता हैं
वर्ष 1949 में जन्मे गुणवर्धने महाजन एकसाथ पेरामुना (एमईपी) के नेता हैं, जो सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) का एक घटक दल है। उच्च शिक्षा पूरी कर 1979 में नीदरलैंड से लौटने के बाद दिनेश गुणवर्धने ने अपने पिता फिलिप गुणवर्धने की जगह पार्टी का नेतृत्व किया। उनके पिता 1948 में देश की आजादी से पहले ब्रिटिश काल में वामपंथी समाजवादी आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा थे। एमईपी 1956 में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बना था।
994 तक एक प्रमुख विपक्षी नेता की भूमिका निभाई
गुणवर्धने ने 1983 में कोलंबो के उपनगर महारागामा से जीत हासिल कर संसद में प्रवेश किया और 1994 तक एक प्रमुख विपक्षी नेता की भूमिका निभाई। 2000 में गुणवर्धने पहली बार मंत्रिमंडल का हिस्सा बने। 2015 तक मंत्रिमंडल में वह वरिष्ठ पदों पर बने रहे। गुणवर्धने की पत्नी का निधन हो गया है। उनके परिवार में एक बेटा है, जो सांसद हैं। गुणवर्धने की नियुक्ति श्रीलंकाई सुरक्षा बलों द्वारा राष्ट्रपति भवन के पास डेरा डाले प्रदर्शनकारियों को हटाए जाने और कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद हुई है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने पहले कहा था कि वह राष्ट्रपति कार्यालय पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का इरादा रखते हैं।