'डींगे हांकने वालों को भूल जाती है दुनिया', UN में PAK के कश्‍मीर मुद्दा उठाने पर बोले अकबरुद्दीन

दुनिया
Updated Sep 21, 2019 | 11:19 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

संयुक्‍त राष्‍ट्र में पाकिस्‍तान द्वारा कश्‍मीर मुद्दा उठाए जाने पर भारत ने भी करारा जवाब देने की तैयारी कर रखी है। भारत आतंकवाद का मुद्दा प्रमुख से उठाएगा, जिसकी चपेट में आज कमोवेश पूरी दुनिया है।

Syed Akbaruddin
संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के स्‍थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान ने पहले ही कहा है कि वह संयुक्‍त राष्‍ट्र में कश्‍मीर मुद्दा उठाएगा
  • भारत PAK की ऐसी किसी भी कोशिश का करारा जवाब देने के लिए तैयार है
  • संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में पीएम नरेंद्र मोदी का संबोधन 27 सितंबर को होना है

संयुक्‍त राष्‍ट्र : पाकिस्‍तान ने पहले ही संकेत दिए हैं कि संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा सत्र के दौरान वह एक बार फिर कश्‍मीर का मुद्दा उठाएगा। प्रधानमंत्री इमरान खान इस वैश्विक मंच पर कश्‍मीर को लेकर अपनी बात रख सकते हैं तो भारत भी इसका कारारा जवाब देने के लिए तैयार है। इन सबके बीच भारत ने एक बार फिर कहा है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र वैश्विक मुद्दों पर बात करने का मंच है और इसलिए यहां इसी तरह की बातें होनी चाहिए। फिर भी यदि पाकिस्‍तान यहां कश्‍मीर मुद्दा उठाना चाहता है तो यह उसकी मर्जी है, पर भारत कारारा जवाब देने से चूकेगा नहीं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र में पाकिस्‍तान द्वारा कश्‍मीर मुद्दा उठाए जाने की चर्चाओं के बीच इस वैश्विक संस्‍था में भारत के स्‍थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने तंज भरे लहजे में कहा, 'संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभ में मैंने कई थियेट्रिकल्स (नाटकीय प्रस्‍तुति) देखे हैं। 30 मिनट के ग्लोबल अटेंशन का इस्‍तेमाल बहुत से लोग मनचाहे तरीके से करते हैं। लोग उन्हें इसके लिए याद करते हैं कि वे किस तरह उन बातों को इस मंच पर रख रहे हैं, जो वैश्विक मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं। अगर कोई देश या नेता ऐसा करना चाहता है तो वह इसके लिए स्वतंत्र है। मैंने कई नेताओं को डींगे हांकते, शेखी बघारते हुए सुना है। उन्हें कौन याद रखता है? ऐसे लोग आज इतिहास में महज फुटनोट बनकर रह गए हैं।'

अकबरुद्दीन ने यह भी कहा कि आतंकवाद भारत की विदेश नीति का मुख्य कारक है, क्योंकि यह देश को किसी भी अन्‍य बाहरी कारकों के मुकाबले अधिक प्रभावित करता है। उन्‍होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, उसके केंद्र में 'इंटरनेट और साइबरस्पेस के जरिये आतंकवादी नैरेटिव और हिंसक चरमपंथियों का मुकाबला' होगा। सब इसे समझेंगे, क्‍योंकि यह ऐसा खतरा है, जो पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत हर मंच पर आतंकवाद के खिलाफ अपनी जंग जारी रखेगा।

आतंकवाद के खिलाफ भारत की अंतरराष्‍ट्रीय पहलों के बीच अकबरुद्दीन ने कहा कि इस साल इस दिशा में दो बड़ी बहुपक्षीय घटनाएं हुई हैं। पहला, संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद ने जम्‍मू एवं कश्‍मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले की निंदा की। दूसरी संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति ने पाकिस्‍तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकियों की सूची में डाल दिया, जिसके लिए भारत पिछले करीब एक दशक से भी अधिक समय से कोशिश कर रहा था।

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