Terror Mastermind Syed Salahuddin: इमरान से आतंकी सैय्यद सलाउद्दीन की नापाक मांग, क्या ये है नया पाकिस्तान ?

दुनिया
Updated Nov 16, 2019 | 01:02 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

terror plan to disrupt peace in J &K: पाकिस्तान अपने आप को अमन पसंद मुल्क कहता है। संयुक्त राष्ट्र में अपनी तारीफ में कसीदे पढ़ता है। लेकिन बात जब आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की होती है तो सुर कुछ और होता है।

Syed Salahuddin seeks pakistan support to disrupt peace in jammu kashmir
हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सरगना है कि सैय्यद सलाउद्दीन 
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान की सरपरस्ती में पल रहा है आतंक का आका सैय्यद सलाउद्दीन
  • हिज्बुल के जरिए जम्मू-कश्मीर में फैलाता है अशांति
  • पढ़ाई के दौरान इस्लाम के कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित था सलाउद्दीन

नई दिल्ली। एक तरफ पाकिस्तान खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताता है, वो कहता है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तानी अवाम ने कुर्बानियां दी हैं। लेकिन उसका याराना आतंकी संगठनों और आतंक के आकाओं से छिपी नहीं है। हाफिज सईद, मसूद अजहर से लेकर सैय्यद सलाउद्दीन तक उसका गठजोड़ है। पाकिस्तान की सरजमीं पर वहां से खाद पानी पाकर आतंकी संगठन धरती के जन्नत को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। 

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पाकिस्तान और आतंकी संगठनों की बौखलाहट बढ़ गई है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की सक्रिय कार्रवाई के बाद आतंकी अब आम लोगों और गैरकश्मीरियों को निशाना बना रहे हैं। हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सरगना सैय्यद सलाउद्दीन ने अपने ताजा संदेश में तकरीर करते हुए पाकिस्तानी हुकुमत से दरख्वास्त करता है कि उसे कश्मीरियों के समर्थन में सैन्य मदद करनी चाहिए ताकि वो भारतीय सुरक्षाबलों का सामना कर सकें।

सैय्यद सलाउद्दीन का नाम युसूफ शाह था वो एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता और भाई बहनों में सातवें नंबर पर था। 18 फरवरी 1946 में कश्मीर के बडगाम जिले में वो पैदा हुआ था। भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय उसकी उम्र करीब 1 वर्ष थी। सलाउद्दीन के अब्बा भारत डाक विभाग में काम करते थे।

युसूफ यानि सैय्यद सलाउद्दीन की दिलचस्पी मेडिकल की पढ़ाई की तरफ गई  लेकिन बाद में वो प्रशासनिक सेवा में जानेका सपना देखने लगा। राजनीति विज्ञान की पढ़ाई  उसने  यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर से की थी और पढ़ाई के दौरान ही  वह जमात-ए-इस्लामी से प्रभावित हुआ। यही से उसने आतंक की राह पकड़ी और पाकिस्तान चला गया।  

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