Taliban : भारत को 'उकसाने' का प्रयास, तालिबान ने अपनी नई सैन्य टुकड़ी का नाम 'पानीपत' रखा

Taliban News : अफगानिस्तान के आमज न्यूज ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि 'पानीपत ऑपरेशनल यूनिट' की तैनाती देश के पूर्वी प्रांत नांगरहार में होगी। यह प्रांत पाकिस्तान की सीमा से लगता है। ट्वीट में एक तस्वीर साझा की गई है।

Taliban govt names militry unit in Nangarhar province after Third Battle of Panipat
अफगानिस्तान पर कायम है तालिबान का शासन। -फाइल पिक्चर  |  तस्वीर साभार: AP

इस्लामाबाद : अफगानिस्तान की अंतरिम तालिबान सरकार की भारत विरोधी मानसिकता एक बार फिर सामने आई है। तालिबान सरकार अपनी नई फौजी टुकड़ी का नाम 'पानीपत' रखा है। पानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 में हुई थी। इस लड़ाई में अफगान शासक अहमद शाह दुर्रानी ने मराठाओं को हराया था। फौटी टुकड़ी का 'पानीपत' नामकरण भारत को चिढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी होने के बाद इस देश पर तालिबान का कब्जा हो गया। 

पूर्वी प्रांत नांगरहार में होगी तैनाती
अफगानिस्तान के आमज न्यूज ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि 'पानीपत ऑपरेशनल यूनिट' की तैनाती देश के पूर्वी प्रांत नांगरहार में होगी। यह प्रांत पाकिस्तान की सीमा से लगता है। ट्वीट में एक तस्वीर साझा की गई है। इस तस्वीर में सेना की इस नई टुकड़ी के सैनिक मास्क पहने हुए एवं यूनिफॉर्म में दिखाई दिए हैं। सैनिकों के हाथ में अमेरिकी राइफल है। बताया गया है कि यह तस्वीर राजधानी जलालाबाद में सैनिकों के परेड की है। 

मस्जिदों में सुनाई जाती हैं ऐसी कहानियां
दुनिया भर में मुस्लिम जहां भी संकट में हैं, उनके समर्थन में आने के लिए अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों की मस्जिदों में 'पानीपत' जैसे युद्धों के बारे में बताया जाता है। अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान की मस्जिदों में अक्सर कश्मीर और फलीस्तीन के बारे में चर्चा होती है। सैनिक टुकड़ी का नाम 'पानीपत' रखने पर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसकी तारीफ तो कई ने आलोचना की है।

सोशल मीडिया पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया
जावेद तनवीर ने अपने ट्वीट में कहा, 'अल्लाह ने चाहा तो इतिहास अपने को फिर से दोहराएगा।' एक अन्य अफगान नागरिक ने कहा, 'यह मजेदार है, मुझे पता है कि यह आदेश पाकिस्तान से आया होगा क्योंकि उसे भारत के साथ परेशानी है।' अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद तालिबान देश की फौज की सख्या में इजाफा करना चाहता है। रिपोर्टों की मानें तो वह सैनिकों की संख्या बढ़ाकर 110,000 करना चाहता है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद 10 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।

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